शिवपाल यादव की भाजपा से नहीं बनी बात, खींच लिए पीछे कदम

शिवपाल यादव की भाजपा से नहीं बनी बात, दो दिन में दिए दो संकेत

लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी(लोहिया) प्रसपा सुप्रीमों शिवपाल सिंह यादव व सपा प्रमुख अखिलेश यादव से काफी नाराज हैं. यह तो पूरी तरह साफ है, लेकिन इस नाराजगी की वजह से उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर सस्पेंस बरकरार है. बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच शिवपाल यादव ने 2 दिन में दो ऐसे संकेत दिए हैं, जिससे उनका रुख एक दम से बदलता नजर आ रहा है. शिवपाल सिंह यादव ऐसे समय पर यूटर्न लेते दिख रहे हैं, जबकि हाल ही में वह समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दे का समर्थन कर चुके हैं, जो बीजेपी का कोर अजेंडा है.

कल बिजली को लेकर सपा की हुई तारीफ

बता दें बीतें रविवार जसवंतनगर में एक कार्यक्रम में पहुंचे शिवपाल यादव ने सपा के शासन की तारीफ की तो भाजपा पर सवाल खड़े किए. टैबलेट वितरण कार्यक्रम में शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सपा सरकार में बिजली की समस्या नहीं रहती थी. आज कल बिजली कब आती और कब जाती कुछ पता नहीं रहता है. अखिलेश यादव से मतभेदों के बीच शिवपाल का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है. शिवपाल सिंह यादव ने सरकार की लैपटॉप वितरण योजना को सराहा पर बीजेपी पर तंज कसा है. ऐसा कहा कि आज लोगों को बिजली का ज्यादा बिल देना पड़ रहा है. शासन को चाहिए कि वह गरीबों व पिछड़ों को फ्री बिजली मुहैया कराए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जरिए दिया ये संकेत

सोमवार को शिवपाल यादव की ओर सुप्रीम कोर्ट की तारीफ किए जाने के बाद भी इसके मायने तलाशे जा रहे हैं. लखीमपुर खीरी में किसानों को जीप से कुचलने के आरोपी व केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ देर बाद शिवपाल ने ट्वीट करते हुए सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता की तारीफ की है. उन्होंने बिना किसी फैसले का जिक्र करते हुए कहा, ”इसलिए सर्वोच्च न्यायालय सर्वोच्च है. सर्वोच्च न्यायालय की असंदिग्ध स्वतंत्रता, निष्पक्षता व  स्वायत्तता को नमन. भारत की न्याय व्यवस्था उम्मीद की एक किरण है.

आजम खान को राहत शिवपाल का ट्वीट?

बता दें जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े केस में आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की भी बात कही गई है. ऐसा माना जा रहा है कि शिवपाल का ट्वीट आजम खान से जुड़े फैसले को लेकर भी हो सकता है या फिर दोनों ही फैसलों के संदर्भ में उन्होंने यह बात कही है. हालांकि, दोनों ही फैसलों से बीजेपी सरकार को झटका लगा है और ऐसे में शिवपाल का यह ट्वीट भाजपा सरकार पर निशाना के रूप में देखा जा रहा है.

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