15 जनवरी के बाद ऐसे बहुरेंगे शिवपाल यादव के दिन

निकाय चुनाव और संगठन की मजबूती के लिए समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

सुभाष चन्द्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह बदलाव राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में होने जा रहा है। पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों के मुताबिक खरमास के बाद समाजवादी पार्टी में संगठन का विस्तार होगा। पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अगले साल के लिए अभी से कमर कस लेना चाहते हैं। नेताजी के जाने के बाद जमीन पर संगठन को और अधिक मजबूत करने की जरूरत बताया जा रहा है। इसके लिए हाल ही में सपा में शामिल हुए शिवपाल यादव को बड़ी जिम्मेदारी देने की बात की जा रही है। ?

सपा नेताओं से बातचीत के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इसी महीने में 15 तारीख के बाद शिवपाल यादव के लेकर बड़ी घोषणा की सकती है। पार्टी की सोच है कि इस घोषणा से राज्य के निकाय चुनाव में भी पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिल सकता है। निकाय चुनावों के मद्देनजर तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बुन रहे हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी की नजर शिवपाल यादव पर है।

हालांकि, सपा में कई ऐसे नेता हैं, जो शिवपाल के लेकर आग उगलते रहे हैं। अब उनकी धुकधुकी बढ़ी हुई है। क्योंकि अखिलेश और शिवपाल एक टेबल पर बैठेंगे तो गाहे-बगाहे दोनों के बीच गफलत पैदा करने वालों पर भी चर्चा होना लाजिमी है। ऐसे लोग चिह्नित होंगे तो उनका भविष्य प्रभावित होना भी तय है।

अखिलेश यादव ने खुद अपने चाचा शिवपाल को पार्टी का झंडा देते हुए उनकी वापसी समाजवादी पार्टी में करवाई। इस तरह यादव परिवार में काफी समय से चल रही खटपट का भी अंत होते दिखाई दिया। अब समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव एक बार फिर से शिवपाल को उनका पुराना वाला सम्मान और रुतबा लौटाते हुए दिखाई दे रहे हैं। राजनीतिक पंड़ितों की मानें तो शिवपाल यादव की संगठनात्मक क्षमता काफी कुशल है और समाजवादी पार्टी से जुड़ने के बाद ही उसका असली रंग दिखाई देता है। ऐसे में पार्टी अब शिवपाल के जरिए निकाय चुनाव में बढ़त हासिल करने की कोशिश में है और उसके लिए शिवपाल का कद बढ़ाया जाना तय माना जा रहा है।

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