शाह ने सरकार के मंत्रियों से पूछे 3 सवाल- यूपी में ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता किसके साथ?

प्रियंका की सक्रियता से BJP को टेंशन:

उत्तर प्रदेश अब इलेक्शन मोड में आ चुका है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जनता के बीच अपनी प्रतिज्ञाएं गिना रही हैं। रविवार को गोरखपुर में उन्होंने खुलकर गृहमंत्री अमित शाह पर सीधा हमला किया। साथ ही योगी सरकार में ब्राह्मणों को सबसे ज्यादा उत्पीड़ित बताया। प्रियंका गांधी प्रतिज्ञा यात्रा के जरिए घर-घर तक पहुंचने में लगी हैं। वे अपना ज्यादा समय यूपी में बिता रही हैं। ऐसे में भाजपाई कुनबे में टेंशन बढ़ने लगी है।

यह हम यूं ही नहीं कह रहे हैं। इसके पीछे वह सवाल हैं, जो अमित शाह ने 28 अक्टूबर को लखनऊ दौरे के दौरान सरकार के मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों से पूछे हैं। दैनिक भास्कर सूत्रों के जरिए आपको उन सवालों व उनके जवाबों से रुबरू करा रहा है।

अमित शाह ने सरकार के मंत्रियों, सांसद और विधायकों के साथ लखनऊ में लंबी बैठक की थी।

पढ़िए शाह के सवाल व मंत्रियों के जवाब

शाह- प्रियंका की सक्रियता से ब्राह्मण वोट खिसकेगा? चुनाव पर कोई असर होगा या नहीं?

जवाब- प्रियंका की सक्रियता से भाजपा से ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को है। प्रियंका जितना ज्यादा सक्रिय होंगी, अखिलेश को उतना ही नुकसान होगा। प्रियंका, भाजपा के साथ ही सपा पर भी सवाल उठा रही हैं। जिससे बराबर एक मैसेज जनता के बीच जा रहा है कि उनके सिवा और कोई नेता सड़कों पर उतर कर जनता की लड़ाई नहीं लड़ रहा है।

यूपी में भाजपा का वोट बैंक अभी भी अछूता है। यानी भाजपा को जिन जातियों का समर्थन 2014, 2017 और 2019 में मिला था, वो 2022 में भी बरकरार रहेगा। खासतौर पर सवर्ण वोट अभी भी भाजपा के साथ ही हैं। ब्राह्मणों की नाराजगी की खबरें भी बेबुनियाद हैं।

शाह- अखिलेश के साथ हो रहे गठबंधन का क्या असर होगा? पश्चिम में RLD के जयंत चौधरी और पूर्वांचल में ओमप्रकाश राजभर के सपा के साथ जाने का क्या असर होने वाला है?

जवाब- पश्चिम के राजनीतिक समीकरण बहुत हद तक भाजपा के पक्ष में है। जयंत चौधरी का भाईचारा बहुत बड़ा असर नहीं डाल रहा। साथ ही पश्चिम में बसपा और कांग्रेस अगर कुछ बेहतर करती है तो फिर वोटों का बिखराव होगा, जो भाजपा के पक्ष में जाएगा। साथ ही पूर्वांचल में राजभर एक्सपोज हो चुके हैं। ओम प्रकाश राजभर अपने दम पर कोई भी कैंडिडेट को नहीं जिता सकते हैं। लिहाजा इन गठबंधनों का बहुत बड़ा असर नहीं होगा। हालांकि, इस बात पर सहमति थी कि कुछ सीटें जरूर इनके खाते में जा सकती है।

शाह- सरकार के बचे 2 महीने में क्या कुछ करना चाहिए? संकल्प पत्र के कितने वादे पूरे हुए हैं?
जवाब- संकल्प पत्र के ज्यादातर वादों को सरकार ने पूरा कर लिया है। जो बाकी हैं, वो भी पूरे होने चाहिए।

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