जेलर के पैर पकड़ रोने लगे साहिल-मुस्कान.. कातिलों की डिमांड सुन जेल अधीक्षक भी हैरान, 9 मई को होगी..

सौरभ राजपूत हत्याकांड में जेल में बंद पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने बुधवार को वरिष्ठ जेल अधीक्षक से मुलाकात की। दोनों ने हाथ जोड़कर अपनी जमानत के लिए गुहार लगाई और फूट-फूटकर रोने लगे। इस दौरान मुस्कान दो महिला कैदियों के साथ पहुंची थी। दोनों की जमानत याचिका पर 1 मई को सुनवाई हुई, जबकि हत्या के मुकदमे की सुनवाई 9 मई को तय की गई है।

जेल अधीक्षक से रोते हुए की मुलाकात, मांगी जमानत

बुधवार को जेल में बंद मुस्कान और साहिल वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा से मिलने पहुंचे। मुस्कान दो महिला बंदियों के साथ हाथ जोड़कर खड़ी रही और रोते हुए बोली—”सर, हमारी जमानत करवा दीजिए।” साहिल भी रोने लगा और जमानत की अर्जी को लेकर जेल प्रशासन से आग्रह किया। इस पर जेल अधीक्षक ने उन्हें सरकारी अधिवक्ता से संपर्क करने को कहा।

शिमला और मनाली में हत्या के बाद की थी मस्ती

तीन मार्च को मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद दोनों आरोपी शिमला, मनाली और कसौल घूमने चले गए थे। यहां तक कि 11 मार्च को साहिल का जन्मदिन भी मनाया गया। चार मार्च को हत्या के सबूत मिटाने के लिए एक नीला ड्रम खरीदा गया और उसमें शव को सीमेंट और डस्ट के घोल में जमाकर छिपा दिया गया।

हत्या के बाद शव के किए थे टुकड़े, सीमेंट में दबाया

सौरभ की हत्या बेहद निर्मम तरीके से की गई थी। आरोपियों ने सौरभ को पहले बेहोश किया, फिर सीने में चाकू घोंपा। इसके बाद बाथरूम में शव को ले जाकर उसके टुकड़े कर दिए। गर्दन से सिर और हाथ काटकर अलग कर दिए गए। ये टुकड़े साहिल एक बैग में डालकर अपने घर ले गया।

18 मार्च को हुआ था हत्या का खुलासा

हत्या के करीब 15 दिन बाद, 18 मार्च को मुस्कान ने पुलिस के सामने पूरी वारदात का खुलासा किया। इससे पहले 19 मार्च को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।

गवाहों की कमी को बनाया आधार

सरकारी अधिवक्ता रेखा जैन ने 24 अप्रैल को अदालत में मुस्कान और साहिल की जमानत याचिका दाखिल की। याचिका में मुख्य आधार बनाया गया कि हत्या का मुकदमा घटना के काफी दिनों बाद दर्ज हुआ और कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है। हालांकि, ब्रह्मपुरी पुलिस ने स्पष्ट तौर पर अदालत में लिखा है कि जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

जमानत याचिका खारिज, अगली सुनवाई 9 मई को

सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 9 मई निर्धारित की है। अदालत में यह भी स्पष्ट किया गया कि हत्या की क्रूरता और सबूतों के मिटाने की कोशिश को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

Related Articles

Back to top button