किसान आंदोलन खत्म करने का फार्मूला:मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोल

MSP की गारंटी का कानून बनाएं, इससे किसानों का मुद्दा हल होगा

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर किसानों के मामले में केंद्र सरकार से अलग अपनी बात रखी है। मलिक ने कहा कि मैं तो किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से लड़ाई भी लड़ चुका हूं। इस मामले में किसानों की सुनवाई होनी ही चाहिए। जब MSP लागू हो जाएगा तो किसान संतुष्ट हो जाएगा और उसके बाद यह आंदोलन अपने आप समाप्त हो जाएगा। मलिक रविवार को राजस्थान में झुंझुनूं के दौरे पर थे। एक कार्यक्रम के बीच मलिक ने मीडिया से बातचीत में कई मुद्दों पर खुलकर राय रखी।

मलिक ने कहा है कि केंद्र को MSP की गारंटी का कानून बनाना चाहिए। उसके बाद निश्चित ही किसानों का मुद्दा हल हो सकेगा। देश के किसानों की हालत बेहद खराब है। केंद्र निश्चित रूप से इस मामले में गलत रास्ते पर है। मलिक उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर दो बार सांसद भी रहे हैं।

यही हालात रहे तो केंद्र सरकार वापसी नहीं करेगी
मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि किसान 10 महीने से अपना घर, परिवार छोड़कर सड़कों पर बैठे हैं। फसल बुवाई का समय है। इतना लंबा समय हो जाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं होने से उनमें गुस्सा है। यही हालात रहे तो केंद्र सरकार वापसी नहीं करेगी। जब उनसे पूछा गया कि इतने बड़े आंदोलन के बावजूद सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठा रही तो उनका कहना था कि केंद्र सरकार के इर्द-गिर्द गलत सलाह देने वाले लोग हैं। उनके कारण ही सत्यानाश हो रहा है।

किसान आंदोलन में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हूं
मलिक ने कहा कि मैं शुरू से किसानों के साथ खड़ा हूं और जरूरत पड़ने पर पद भी छोड़ सकता हूं। किसानों के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से झगड़ा कर चुका हूं। मैंने उनसे कहा कि यह सब मत करो। उन्होंने कहा कि यदि कोई मुझे आंदोलन में मध्यस्थता के लिए कहे तो उसके लिए तैयार हूं। किसानों ने मुझे मध्यस्थ मान लिया है, लेकिन सरकार भी मध्यस्थता के लिए कहे तब बात बने।

लखीमपुर की घटना के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए था अजय मिश्र को
लखीमपुर मामले में मलिक ने कहा कि यह घटना होते ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को इस्तीफा दे देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अजय मिश्र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तो मंत्री बनने लायक नहीं है।

मेरे कार्यकाल में कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ था
मलिक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल भी रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों हुए आतंकी हमलों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जब वे कश्मीर के राज्यपाल थे, तब वहां पर आतंकवाद काफी हद तक कम हुआ था। आतंकवादी कई किलोमीटर तक अंदर नहीं घुस पाते थे। वहीं, सिख समुदाय पर राज्यपाल ने कहा कि यह समुदाय हमेशा से देशभक्त रहा है। इस पर किसी प्रकार का लांछन लगाना हमारे इतिहास का अपमान है।

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