AI से बनाई संत प्रेमानंद की तस्वीर: सेवा में बैठी राधारानी.. खिड़की से झांकते कृष्ण, बवाल ! संत समाज में आक्रोश..

वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज की एक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से बनाई गई तस्वीर ने धार्मिक समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। इस तस्वीर को लेकर जहां सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है, वहीं संत समाज ने इसे ब्रज की परंपरा के खिलाफ बताते हुए विरोध जताया है।
वायरल तस्वीर में देवी राधा को दिखाया गया सेवा में, भगवान कृष्ण झांकते हुए
वायरल हुई इस AI जनरेटेड तस्वीर में संत प्रेमानंद को उनकी कुटिया में विश्राम करते हुए दिखाया गया है, जबकि ब्रज की अधिष्ठात्री देवी श्रीराधा उनकी सेवा में लगी हुई दिखाई गई हैं और खिड़की से भगवान श्रीकृष्ण झांकते नज़र आते हैं। यह चित्रण जहां कुछ लोगों को अंधभक्ति की पराकाष्ठा लगा, वहीं अन्य यूज़र्स ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और निंदनीय करार दिया।
आश्रम का बयान: तस्वीर पूरी तरह फर्जी, छवि धूमिल करने की साजिश
इस विवाद के बीच संत प्रेमानंद के आश्रम श्रीराधा केलिकुंज की ओर से संत नवल नागरी दास ने स्पष्ट बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर पूरी तरह से नकली है और इसे एआई तकनीक से गढ़ा गया है। उन्होंने इसे संत प्रेमानंद की छवि धूमिल करने की एक सोची-समझी साजिश बताया है और कहा कि इससे भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं।
संत समाज की बैठक: एक स्वर में की निंदा, दी चेतावनी
गुरुवार को चतु संप्रदाय विरक्त वैष्णव परिषद के तत्वावधान में पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित गौतम ऋषि आश्रम में संतों की एक आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष महंत सनतकुमार दास महाराज ने की। इसमें सभी संतों ने इस विवादित फोटो की तीव्र आलोचना की और इसे ब्रज की परंपरा व श्रद्धा के विपरीत बताया।
तस्वीर बनाने वाले पर हो कार्रवाई, अन्यथा संत समाज खुद करेगा हस्तक्षेप
बैठक में उपस्थित संतों ने मांग की कि जिसने भी यह तस्वीर बनाई है, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। परिषद ने श्रीराधा केलिकुंज आश्रम प्रबंधन और प्रेमानंद महाराज के शिष्यों को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि इस मामले में जल्द ही पुलिस में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई, तो साधु समाज स्वयं मोर्चा संभालेगा।
बांके बिहारी मंदिर के प्रस्तावित न्यास पर भी जताया विरोध
इस बैठक में एक अन्य अहम मुद्दा भी उठा, बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित न्यास गठन। संत समाज ने इसका भी विरोध किया। परिषद के उपाध्यक्ष महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज ने कहा कि यह न्यास सेवायतों के पारंपरिक अधिकारों का हनन करेगा और इससे मंदिर व्यवस्थाओं में बाहरी हस्तक्षेप बढ़ेगा, जो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
बैठक में शामिल हुए ये प्रमुख संत-महंत
इस महत्वपूर्ण बैठक में संत समाज की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल रहीं। इनमें महंत लाड़ली शरण दास महाराज, महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज, महंत हेमकांत शरण देवाचार्य, घमंड पीठाधीश्वर वेणु गोपाल दास महाराज, और वंशीवट पीठाधीश्वर जयराम दास महाराज प्रमुख रूप से उपस्थित थे।