सपा ने 3 विधायकों को बाहर का रास्ता क्यों दिखाया ? अखिलेश यादव का सॉलिड प्लान! भाजपा की बढ़ेगी टेंशन

समाजवादी पार्टी (SP) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने तीन बागी विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ये कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों और राज्यसभा चुनाव के दौरान की गई क्रॉस वोटिंग के कारण की गई है। निष्कासित किए गए विधायकों में अभय सिंह (गोसाईगंज), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज) और मनोज कुमार पांडे (ऊंचाहार) शामिल हैं।
राज्यसभा चुनाव में किया था पार्टी लाइन से अलग वोटिंग
बीते वर्ष उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के आठ विधायकों ने पार्टी लाइन से अलग जाकर बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इस वजह से सपा के एक प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा का एक अतिरिक्त उम्मीदवार जीतने में सफल हो गया था। इस घटनाक्रम ने पार्टी के अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए थे।
पार्टी ने दी थी ‘अनुग्रह अवधि’, लेकिन नहीं आया व्यवहार में बदलाव
समाजवादी पार्टी की ओर से इन विधायकों को सुधरने का पर्याप्त अवसर दिया गया था, जिसे पार्टी ने ‘अनुग्रह अवधि’ (Grace Period) कहा। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि इन विधायकों को चेतावनी और सुधार का मौका दिया गया, लेकिन जब कोई सकारात्मक परिवर्तन नहीं दिखा, तब जाकर पार्टी ने इन्हें निष्कासित करने का निर्णय लिया।
आधिकारिक घोषणा सोशल मीडिया पर, सख्त संदेश पार्टी विरोधियों को
समाजवादी पार्टी ने इन विधायकों के निष्कासन की जानकारी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। पार्टी ने स्पष्ट किया कि –
“समाजवादी पार्टी सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक राजनीति की पक्षधर है। साम्प्रदायिक, विभाजनकारी और जनविरोधी ताकतों का साथ देने वालों को पार्टी में कोई स्थान नहीं मिलेगा।”
पार्टी ने यह भी कहा कि भविष्य में भी यदि कोई पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध कार्य करेगा तो उसके खिलाफ ऐसी ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बाकी बागी विधायकों पर क्या होगा फैसला?
राज्यसभा चुनाव में कुल आठ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, लेकिन अभी तक सिर्फ तीन पर कार्रवाई की गई है। बाकी पाँच विधायकों — पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष चतुर्वेदी और महाराजी देवी — को उनके ‘अच्छे व्यवहार’ के चलते फिलहाल बख्श दिया गया है। हालांकि, पार्टी ने संकेत दिए हैं कि यदि आगे कोई अनुशासनहीनता हुई तो उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
‘जहां रहें, विश्वसनीय रहें’
पार्टी ने अपने बयान में यह भी कहा – “जहां रहें, विश्वसनीय रहें।”
यह संदेश उन नेताओं के लिए चेतावनी है जो व्यक्तिगत लाभ के लिए पार्टी की मूल विचारधारा से समझौता करते हैं। समाजवादी पार्टी ने दोहराया कि जनविरोधी गतिविधियां हमेशा अक्षम्य मानी जाएंगी।
सपा का अनुशासन सर्वोपरि
समाजवादी पार्टी द्वारा उठाया गया यह कदम यह दर्शाता है कि पार्टी अनुशासन और विचारधारा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। यह कार्रवाई अन्य दलों और नेताओं के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि राजनीति में सिद्धांतों से समझौता अब महंगा पड़ सकता है।