डिंपल यादव के बदले एसटी हसन को क्यों मिली नेताजी वाली जिम्मेदारी? जानिए वजह

ऐसे में सपा के साथ ही राज्य की दो अन्य बड़ी पार्टियों का खासा जोर मुस्लिम वोटर्स को अपने पाले में लाने पर है. दूसरी ओर एसटी हसन मुरादाबाद से सांसद हैं. ये सीट

मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) में जीत दर्ज करने के बाद सोमवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने शपथ ली थी. डिंपल यादव सैफई (Saifai) परिवार से मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद लोकसभा में एक मात्र सांसद हैं. जिस वजह से माना जा रहा था कि नेताजी की जगह लोकसभा (Lok Sabha) में पार्टी का नेता डिंपल यादव को नियुक्त करने की चर्चा चल रही थी, हालांकि ऐसा नहीं हुआ.

अखिलेश यादव ने पार्टी के सांसद सांसद डॉ एसटी हसन को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया. उन्होंने लोकसभा के महासचिव को इस संबंध में पत्र लिखा. सपा प्रमुख के इस फैसले के पीछे एक खास वजह मानी जा रही है. दरअसल, राज्य में बीजेपी का खासा जोर पासमांदा सम्मेलन पर है. जिसके जरिए वो मुस्लिम वोटर्स को टारगेट कर रही है. जिससे पार्टी मुस्लिम बहुल सीटों पर भी जीत दर्ज कर सके.

ये दो वजह भी है अहम

जबकि दूसरी ओर बीएसपी ने भी दलितों के साथ मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ने का काम किया है. बीते दिनों पहले इमरान मसूद ने बीएसपी का दामन थामा था. इमरान मसूद को पार्टी में शामिल होने के बाद पश्चिमी यूपी में संयोजक नियुक्त किया था. वहीं अब यूपी नगर निगम चुनाव से पहले पूर्व सांसद अतीक अहमद के परिवार के बीएसपी में शामिल होने की खबर है. सूत्रों के अनुसार उनकी पत्नी को बीएसपी प्रयागराज से मेयर का टिकट दे सकती है.

 

ऐसे में सपा के साथ ही राज्य की दो अन्य बड़ी पार्टियों का खासा जोर मुस्लिम वोटर्स को अपने पाले में लाने पर है. दूसरी ओर एसटी हसन मुरादाबाद से सांसद हैं. ये सीट पश्चिमी यूपी का हिस्सा है. दरअसल, ऐसे में बीएसपी के इमरान मसूद को एसटी हसन की सीधी चुनौती मिल सकती है. दोनों ही पश्चिमी यूपी से आते हैं और इनकी मुस्लिम नेताओं में अच्छी पकड़ है.

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