आखिर साध्वी प्रज्ञा पर हो गई कार्यवाही, संसदीय समिति से निकाली गई, बैठकों में आने से रोक

विवादित बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वाली बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर इस बार फंस गई हैं। नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने की वजह से साध्वी प्रज्ञा पर पार्टी ने कड़ी कार्यवाही की है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से निकाल दिया है। इसके साथ ही सत्र के दौरान होने वाले बीजेपी संसदीय दल की बैठकों में भी साध्वी प्रज्ञा को नहीं आने का फरमान सुनाया गया है। बीजेपी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि संसद में कल का उनका बयान निंदनीय है। बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती है।

बता दें कि यह पहली बार नहीं था जब साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा है। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने ऐसा ही बयान दिया था। हालाँकि इस बार साध्वी प्रज्ञा को संसद में यह बयान देना महंगा पड़ गया। लोकसभा में जब एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान डीएमके के सांसद ए. राजा गोडसे के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा तो साध्वी प्रज्ञा ने उन्हें टोक दिया। साध्वी ने कहा, ‘आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते।’ बता दें कि उनके इस बयान को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।

सदन में नहीं होगी कार्यवाही

गौरतलब है कि उनके इस बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ने उसी वक्त स्पष्ट कर दिया था कि उनका बयान लोकसभा की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बयान सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं था। जब वह कार्यवाही में नहीं है तो उस पर चर्चा नहीं हो सकती। आप बाहर कुछ भी कर सकते हैं। सदन में उस पर बहस नहीं होगी, मैंने व्यवस्था दे दी है। बाहर जो कुछ बोला उस पर बहस नहीं हो सकती।

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