महबूबा मुफ्ती की पार्टी के तीन नेताओं का इस्तीफा

श्रीनगर/जम्मू। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के राष्ट्रीय ध्वज को लेकर दिए गए बयान से जम्मू-कश्मीर की आम जनता ही नहीं बल्कि उनकी पार्टी के कई नेता नाराज हो गए हैं। महबूबा मुफ्ती के तिरंगे पर विवादित बयान के बाद सोमवार को उनकी पार्टी के हीे तीन नेताओं ने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया है। जम्मू-कश्मीर विलय दिवस पर भाजपा ने जम्मू में तिरंगा यात्रा निकाली।

पार्टी प्रधान को इस्तीफा देने वालों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता व पूर्व सांसद टीएस बाजवा, पूर्व एमएलसी वेद महाजन और हुसैन. ए. वफा शामिल हैं। पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में तीनों नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को लेकर उनके द्वारा की गई बयानबाजी देशविरोधी है और उनके इस बयान से देशभक्त लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। कुछ दिन पहले महबूबा मुफ्ती ने बयान दिया था कि जब तक 5 अगस्त 2019 से पूर्व वाली संवैधानिक स्थिति को बहाल नहीं किया जाता और जम्मू-कश्मीर का झण्डा वापस नहीं आता, तक तक दूसरा कोई झंडा नहीं उठाउंगी।

महबूबा के बयान के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कुपवाड़ा से श्रीनगर तक तिरंगा यात्रा निकाली। इसके बाद कुपवाड़ा के भाजपा कार्यकर्ता श्रीनगर के मशहूर लाल चौक के क्लॉक टॉवर पहुंचे और तिरंगा फहराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि वह कश्मीर के भारत में विलय की तारीख पर जश्न मनाने के लिए आए थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे गुपकार घोषणा के सदस्यों को यह संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर में सिर्फ तिरंगा ही फहरेगा। पुलिस हिरासत में लिए गए भाजपा कार्यकर्ताओं में कुपवाड़ा जिला भाजपा प्रवक्ता मीर बशारत, मीर इश्फाक और अख्तर खान शामिल हैं। हिरासत में लिए गए तीनों भाजपा कार्यकर्ताओं को श्रीनगर के पुलिस स्टेशन कोठीबाग में रखा गया है।

इसके साथ ही प्रदेश भाजपा ने जम्मू में भी तिरंगा यात्रा निकाली और जम्मू के ज्ूयल चौक में स्थित महाराजा हरि सिंह की मूति पर फूल मालाएं चढ़ाने के बाद महाराजा हरिसिंह पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने कहा कि महाराजा ने जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय कर देश भक्ति का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू की गलतियों के कारण ही जम्मू-कश्मीर पिछले कई वर्षों से पीड़ा झेल रहा है। अन्य रियासतों की तरह अगर जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी भी सरदार पटेल को सौंप दी जाती तो आज जम्मू-कश्मीर की तस्वीर कुछ और होती परन्तु नेहरू ने अपने निजी स्वार्थों व शेख अब्दुल्ला प्रेम के चलते रियासत को बलि चढ़ने दिया।

इसके अलावा अखनूर के जियोपोता घाट पर महाराजा गुलाब सिंह को भाजपा नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर भाजपा के सांसद जुगल किशोर शर्मा, पूर्व मंत्री व उपप्रधान प्रदेश भाजपा शाम लाल शर्मा और अन्य भाजपा नेता मौजूद थे। उन्होंने इस दिन को एतिहासिक बताते हुए कहा कि हमारे राज्य के महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर के भारत देश के साथ विलय की घोषणा का सराहनीय कदम उठाकर राज्य को बचाया था। हम उन वीरों को भी नहीं भूल सकते जिन्होंने 1947 में कबायलियो से युद्ध करके राज्य को बचाने में अपने प्राणों की आहूति दी थी।

इस मौके पर पूर्व विधायक राजीव शर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी भाजपई का सपना था कि 370 और 35ए को खत्म करना है। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करके दिखा दिया। इस मौके पर सांसद जुगल किशोर ने राज्य में विलय दिवस की सरकारी छुट्टी और इस दिवस पर मुबारक बाद देते हुए कहा कि यह दिन पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाराजा हरि सिंह अच्छी सोच और न्याय प्रिय राजा थे जिन्होंने हिन्दुस्थान के साथ राज्य का विलय किया था। उन्होंने कहा कि कश्मीर के नेता ग्रुप बनाकर अपनी सियासत को जिन्दा करने की सोच रहे हैं और उनके पास अब कोई मुद्धा ही नहीं रहा है। युवा भाजपा मोर्चा ने बाइक रैली निकालकर महबूबा मुफ्ती के खिलाफ नारेबाजी की और विलय दिवस पर खुशी मनाई।

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