प्रयागराज की गौरवगाथा ऑक्सफ़ोर्ड में गूंजी, राकेश शुक्ला ने महाकुंभ और भारतीय संस्कृति पर दिया ऐतिहासिक व्याख्यान

नई दिल्ली / प्रयागराज, 28 जून 2025: प्रयागराज और पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण उस समय आया जब “प्रयाग पुत्र” श्री राकेश शुक्ला ने आज यूनाइटेड किंगडम स्थित विश्वविख्यात ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने भारत की सनातन परंपरा, महाकुंभ 2025 की ऐतिहासिक यात्रा और भारतीय संस्कृति की वैश्विक प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए।

इस व्याख्यान का आयोजन इंडिया ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा किया गया, जिसकी मुख्य समन्वयक सौम्यता मिश्रा रहीं। यह कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर और आध्यात्मिक विरासत को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

श्री शुक्ला ने अपने वक्तव्य में बताया कि कैसे महाकुंभ 2025, जिसमें अनुमानित 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, सनातन संस्कृति के नवाचार का प्रतीक बन गया। परंपरा और तकनीक का समावेश करते हुए यह आयोजन भारत की सेवा भावना, संगठन क्षमता और आध्यात्मिक नेतृत्व का वैश्विक उदाहरण बन चुका है।

गौरतलब है कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी, जिसकी स्थापना वर्ष 1823 में हुई थी, विश्व के प्रतिष्ठित विचारमंचों में गिनी जाती है। इस मंच से अब तक ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल, मार्गरेट थैचर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन, भारत के शशि थरूर, अनुपम खेर, जावेद अख़्तर जैसे वैश्विक व्यक्तित्वों ने विचार रखे हैं। अब इसी श्रृंखला में श्री राकेश शुक्ला की आवाज़ भी शामिल हो गई है।

श्री शुक्ला के व्याख्यान को ऑक्सफ़ोर्ड के छात्रों, भारतविदों और वैश्विक श्रोताओं ने अत्यंत रुचि और सम्मान के साथ सुना। उन्होंने भारत की सनातन संस्कृति की जीवंतता और उसके आधुनिक समय में भी प्रासंगिक बने रहने के कारणों को स्पष्ट किया।

इस अवसर पर इंडिया ग्लोबल फाउंडेशन की ओर से कहा गया कि यह कार्यक्रम न केवल श्री शुक्ला के व्यक्तिगत समर्पण का सम्मान है, बल्कि प्रयागराज और भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक विमर्श का हिस्सा बनाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम भी है।

अब प्रयागराज की आवाज़ केवल गंगा तटों तक सीमित नहीं रही, वह ऑक्सफ़ोर्ड की दीवारों में भी गूंज चुकी है।

 

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