राजा भैया के पिता अपने ही किले में कैद.. 13 अन्य भी नजरबन्द, मुस्लिमों के मोहर्रम से क्या संबंध ?

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कुंडा विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह को शनिवार सुबह पुलिस ने नजरबंद कर दिया। यह कार्रवाई कुंडा के शेखपुर इलाके में मोहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण संपन्न कराने के उद्देश्य से की गई है। भदरी किले के बाहर पुलिस और पीएसी की भारी तैनाती की गई है और राजा उदय प्रताप को 40 घंटे तक किले से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है।

भोर में ही पहुंच गई पुलिस, गेट पर चस्पा किया गया नोटिस

शनिवार सुबह करीब पांच बजे क्राइम इंस्पेक्टर संजय सिंह पुलिस बल के साथ कुंडा के भदरी किले पहुंचे और नजरबंदी का नोटिस गेट पर चस्पा किया। नोटिस के मुताबिक, राजा उदय प्रताप सिंह को शनिवार सुबह 5 बजे से रविवार रात 9 बजे तक नजरबंद किया गया है। इस दौरान वे कोठी परिसर से बाहर नहीं निकल सकते।

सोशल मीडिया पोस्ट बना नजरबंदी की वजह

सूत्रों के मुताबिक, राजा उदय प्रताप सिंह ने चार जुलाई को अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से एक विवादित पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा,

“पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं है, ऊंचे लोग मुसलमानों को खुश करते हैं, निचले लोग उनका अनुसरण करते हैं।”

प्रशासन का मानना है कि इस तरह की पोस्ट से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है, इसलिए मोहर्रम से पहले एहतियातन यह कदम उठाया गया है।

कुल 13 लोगों को किया गया नजरबंद

सिर्फ राजा उदय प्रताप सिंह ही नहीं, बल्कि प्रशासन ने कुल 13 लोगों को 40 घंटे के लिए नजरबंद किया है। इनमें बड़ूपुर निवासी भवानी विश्वकर्मा, शेखपुर निवासी उमाकांत, बढ़ईपुर निवासी आनंदपाल, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता हनुमान प्रसाद पांडेय सहित अन्य शामिल हैं। सभी के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

मोहर्रम के दौरान पहले भी बिगड़ चुका है माहौल

शेखपुर और आस-पास के इलाकों में मोहर्रम के दौरान पहले भी कई बार सांप्रदायिक तनाव और बवाल की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस बार पूर्व से ही सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अधिकारी इसे एहतियातन कदम बता रहे हैं ताकि त्योहार के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।

भदरी किला बना छावनी, नौ घंटे तक बाहर नहीं निकल सकते राजा

भदरी किला पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो चुका है। फोर्स की भारी मौजूदगी के बीच राजा उदय प्रताप सिंह नजरबंद हैं और किसी को मिलने की इजाजत नहीं दी गई है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि वे किले से बाहर नहीं जा सकते और प्रशासन की निगरानी में रहेंगे।

प्रशासन का संतुलन और सख्ती

प्रशासन का यह कदम दिखाता है कि संवेदनशील अवसरों पर सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए वह किसी भी सख्त कदम से पीछे नहीं हटेगा। वहीं, यह मामला स्थानीय राजनीति और सामाजिक तनाव के संदर्भ में भी काफी अहम माना जा रहा है।

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