रेलवे का नया नियम बना मुसाफिरों के लिए मुसीबत! 1 हफ्ते में 32,000 यात्रियों ने कटवाई EFT टिकट, जानें पूरी डिटेल

रेलवे की नई बुकिंग नीति ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब आरक्षित सीटों पर वेटिंग टिकटों की संख्या सीमित कर दी गई है, जिससे बुकिंग जल्दी ‘रिग्रेट’ पर पहुंच जाती है। टिकट नहीं मिलने पर यात्री मजबूरी में टीटीई से ईएफटी (Extra Fare Ticket) बनवा रहे हैं और इसके लिए भारी जुर्माना भी चुका रहे हैं।
शोभित यादव और नेहा सिंह की आपबीती
वृंदावन निवासी शोभित यादव को पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई जाना था। उन्होंने स्लीपर क्लास में टिकट बुक कराने की कोशिश की, लेकिन बुकिंग रिग्रेट पर चली गई। अंततः उन्होंने स्टेशन पहुंचकर टीटीई से ईएफटी बनवाया, जिसमें ₹635 के टिकट पर ₹250 का अतिरिक्त जुर्माना भी देना पड़ा।
वहीं नेहा सिंह, जो पेशे से इंजीनियर हैं, लखनऊ मेल में दिल्ली जाने के लिए टिकट नहीं बुक कर पाईं। न तो ऑनलाइन, न ही काउंटर से टिकट मिला। अब वह तत्काल कोटे में किस्मत आजमाने की योजना बना रही हैं।
रिग्रेट टिकटों से बढ़ी परेशानी, मजबूरी में ईएफटी
रेलवे के नये नियम के तहत अब किसी ट्रेन में कुल आरक्षित सीटों की केवल 25% सीटों पर ही वेटिंग टिकट जारी होंगे। इससे टिकट जल्दी रिग्रेट में चले जाते हैं। नतीजतन, यात्री बिना कन्फर्म टिकट के स्टेशन पहुंचते हैं और टीटीई से ईएफटी बनवाते हैं, जिसमें ₹250 से ₹400 तक अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
एक हफ्ते में 32,000 यात्रियों ने बनाए EFT टिकट
बीते एक सप्ताह में 32,000 यात्रियों ने ईएफटी टिकट बनवाए हैं। इससे रेलवे को ₹2.25 करोड़ की कमाई हुई, जिसमें से ₹80 लाख सिर्फ जुर्माने से वसूले गए। दैनिक यात्री संगठनों ने इस नीति को “मालामाल रेलवे, कंगाल यात्री” का नाम दिया है।
नया नियम क्यों लाया गया?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, पहले वेटिंग टिकटों पर यात्री आरक्षित बोगियों में यात्रा कर लेते थे। इससे सीट कब्जा, एसी की कूलिंग में कमी और गंदगी जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही थीं। इसी कारण वेटिंग टिकटों की संख्या घटाने का फैसला लिया गया है।
पहले 350 तक जाती थी वेटिंग, अब 105 पर सिमटी
नए नियम के तहत:
- पुष्पक एक्सप्रेस की स्लीपर वेटिंग: पहले 350, अब 105
- थर्ड एसी वेटिंग: 78 से घटकर 35
- थर्ड एसी इकोनॉमी: 85 से 30
- सेकंड एसी: 25 से 10
- फर्स्ट एसी: 10 से 4
सीट कब्जे की बढ़ती शिकायतें
टिकट न मिलने और ईएफटी पर भी कन्फर्म सीट न मिलने के कारण यात्री दूसरों की सीटों पर कब्जा करने लगे हैं। शनिवार को वाराणसी-लखनऊ एक्सप्रेस की महिला यात्री की सीट पर बिना टिकट यात्री बैठा मिला। गोमती एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ और कुशीनगर जैसी ट्रेनों से भी 73 शिकायतें कंट्रोल रूम में दर्ज हुई हैं।
यात्रियों की मांग
दैनिक यात्री संघ के अध्यक्ष एसएस उप्पल ने कहा है कि रेलवे को इस नियम पर पुनर्विचार करना चाहिए। पहले वेटिंग टिकट से सिर्फ किराया मिलता था, अब ईएफटी के नाम पर रेलवे यात्रियों से मोटी रकम वसूल रहा है।