राहुल गांधी का तंज-सरकार का काम था चीन को सीमा पर रोकना, ना कि सत्याग्रही अन्नदाताओं को…

तमिलनाडु में अपने प्रचार के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाए कि चीन के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है और ‘‘56 ईंच सीना’’ रखने वाले व्यक्ति पड़ोसी देश का नाम तक नहीं ले सकते हैं। तमिलनाडु के तीन दिवसीय दौरे में यहां और पास के इरोड में सभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाए कि मोदी महज पांच या छह उद्यमियों के लिए देश का शासन चला रहे हैं। राज्य में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

पश्चिमी जिलों में प्रचार अभियान पर निकले गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों, मजदूरों या सूक्ष्म, लघु या मध्यम श्रेणी के उद्यमियों के लिए नहीं है जो देश का भाग्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार भारत के लोग देख रहे हैं कि चीन की सेना भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा कर रही है। आज हम जब यहां बात कर रहे हैं उस समय हजारों चीनी सैनिक हमारे क्षेत्रों पर कब्जा कर रहे हैं और 56 ईंच सीने वाला व्यक्ति चीन का नाम तक नहीं ले सकता है। यह हमारे देश की हकीकत है।’’

लोगों से खुद को जोडऩे और भाजपा पर प्रहार करने के लिए ‘तमिल भाषा और संस्कृति’ का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह दिल्ली में तमिल लोगों का रखवाला बनना चाहते हैं और कहा कि वह भगवा दल को तमिल संस्कृति का अपमान नहीं करने देंगे। एक रोडशो के दौरान कुछ स्थानों पर लोगों को संबोधित करते हुए गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह लोगों पर एक संस्कृति और एक भाषा थोप रही है और तमिलनाडु को ‘दूसरे दर्जे का स्थान’ बना रही है।

अंग्रेजी में दिए गए भाषण में उन्होंने कहा, ‘‘मैं तमिल भावना और संस्कृति को समझता हूं, स्वीकार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं प्रधानमंत्री और भाजपा को तमिल लोगों का अपमान नहीं करने दूंगा।’’ उनके भाषण का तमिल में अनुवाद किया गया। उन्होंने कहा कि भारत विविध संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं का देश है। गांधी ने कहा, ‘‘…यह देश का संबल है। यह हमारा कर्तव्य है कि इस देश में हर भाषा, संस्कृति और धर्म की रक्षा करें।’’

मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि तमिलनाडु का उनका दौरा लोगों को अपने ‘मन की बात’ कहने के लिए नहीं है या उन्हें सलाह देने या उन्हें क्या करना चाहिए, इस बारे में बताने के लिए नहीं है बल्कि उनकी बात सुनने के लिए है, उनकी समस्याएं समझने और उनका समाधान करने के लिए है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के इतिहास और भाषा से शेष भारत काफी कुछ सीख सकता है।

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