जन्मदिन पर ही क्यों नए घर में शिफ्ट हुए “राहुल गाँधी” ? PM Modi ने क्या कहा? अब से ये होगा उनका नया पता

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने 55वें जन्मदिन के मौके पर एक नया अध्याय शुरू करते हुए एक नए सरकारी आवास में प्रवेश किया। बुधवार सुबह वह औपचारिक रूप से 5, सुनहरी बाग रोड स्थित टाइप-8 श्रेणी के बंगले में शिफ्ट हो गए। यह आवास उन्हें पिछले वर्ष लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किए जाने के बाद आवंटित किया गया था।

सुनहरी बाग रोड पर शिफ्ट हुए राहुल गांधी

राहुल गांधी का नया निवास स्थान न सिर्फ भौगोलिक रूप से रणनीतिक है, बल्कि सुरक्षा और संसदीय व्यवस्था की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। टाइप-8 श्रेणी के बंगले आमतौर पर संसद के वरिष्ठ नेताओं को ही आवंटित किए जाते हैं। इससे पहले राहुल गांधी 12, तुगलक लेन स्थित आवास में रह रहे थे।

कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे, कार्यकर्ताओं से मिला समर्थन

अपने जन्मदिन के मौके पर राहुल गांधी दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे, जहां पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:

“कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी, हमारे सभी नेताओं और कांग्रेस परिवार के हर एक बब्बर शेर और शेरनी का शुभकामनाओं और समर्थन के लिए धन्यवाद। आपका प्यार और हौसला हर दिन मुझे प्रेरणा देता है। हम एक साथ खड़े हैं – सच के लिए, न्याय के लिए, भारत के लिए।”

पीएम मोदी ने भी दी शुभकामनाएं

देश की राजनीति में धुर विरोधी माने जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहुल गांधी को उनके जन्मदिन पर बधाई दी। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा:

“लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। उन्हें लंबा और स्वस्थ जीवन मिले, यही प्रार्थना है।”

एक नजर उनके राजनीतिक सफर पर

राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को हुआ था। वे भारत के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार—नेहरू-गांधी परिवार—के वंशज हैं। उन्होंने 2004 में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा था। तब से लेकर अब तक वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और पार्टी को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई है।

चुनौतियों से भरा राजनीतिक सफर

राहुल गांधी के राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बावजूद उन्होंने पार्टी को लगातार एकजुट रखने की कोशिश की है। हाल ही में 2024 के आम चुनावों में कांग्रेस ने उनका नेतृत्व स्वीकारते हुए अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे उनका राजनीतिक कद और बढ़ा है।

 

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