राहुल गाँधी को मिली फौरी राहत

3 मई को होगी सुनवाई

सूरत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार दोपहर को मोदी सरनेम वाले मामले में अपनी सजा के खिलाफ याचिका लेकर सूरत के सेशन कोर्ट (सत्र अदालत) पहुँचे, जहां उन्हें 13 अप्रैल तक जमानत मिल गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 मई को होगी। देखना यह है कि 3 मई को राहुल गाँधी को पूरी तरह जमानत मिलती है या फिर उन्हें और मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि राहुल गांधी को सूरत के सेशन कोर्ट ने एक महीने का समय दिया था, जिसके बाद उनका जेल जाना तय था। लेकिन अब उन्होंने इस फैसले को चुनौती दी है और उन्हें कुछ समय के लिए जमानत भी मिल गई है, इसलिए उनके बचने के रास्ते को बिलकुल बंद नहीं माना जा सकता।
इस दौरान राहुल गाँधी के साथ उनकी बहिन भी थी। बता दें जब राहुल गाँधी सेशन कोर्ट की ओर बढ़ रहे थे, तो उनके साथ बहुत से कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता और समर्थक थे। राहुल गांधी का समर्थन जताने के लिए तीनों कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपशे बघेल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ और कई नेताओं को सूरत पहुँचना यह दर्शाता है कि राहुल गाँधी के साथ पूरी कांग्रेस खड़ी है।
सूरत पहुंचने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि ‘हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। हम यहां अपनी एकता दिखाने आए हैं. हम देश को बचाने के लिए ‘सत्याग्रह’ कर रहे हैं. देश देख रहा है कि आज इंदिरा गांधी के पोते और राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है।’
वहीं इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश के लिए लड़ रहे हैं और ऐसे में पार्टी के नेता उनके समर्थन के लिए सूरत पहुंच रहे हैं तथा यह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने किसी को बुलाया नहीं है और जो भी नेता सूरत पहुंच रहे हैं, वो उनका निर्णय है। खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘यह (नेताओं का सूरत पहुंचना) शक्ति प्रदर्शन नहीं है। राहुल जी हमारे नेता हैं तो नेता के साथ खड़े होने के लिए सभी जाते हैं। जब किसी के खिलाफ मामला होता है तो परिवार के लोग जाते हैं. यह तो पार्टी है और राहुल जी देश के लिए लड़ रहे हैं. हमारे लोग वहां पहुंच रहे हैं और हौसला अफजाई कर रहे हैं।’ उनका कहना था, ‘यह पार्टी के लोगों का निर्णय है, उन्होंने (राहुल) किसी को नहीं बुलाया है।’

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