“5 राफेल फाइटर जेट मार गिराए..” पाकिस्तानी मंत्री का मानसिक संतुलन..? सोशल मीडिया पर पिटी भद्द

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के विवादित बयान ने उन्हें अपनी ही संसद में कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के पांच राफेल फाइटर जेट मार गिराए हैं। लेकिन जब इस दावे पर सवाल उठे तो मंत्री जी के पास ठोस सबूत नहीं थे। इसके चलते उन्हें संसद में तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा।
सबूत के नाम पर सोशल मीडिया का हवाला
ख्वाजा आसिफ का यह दावा तब संदेहास्पद बन गया जब CNN न्यूज ने उनसे सबूत की मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, जब CNN के संवाददाता ने उनसे पूछा कि राफेल विमानों को गिराने का कोई वीडियो या फोटो सबूत है क्या, तो रक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि “सोशल मीडिया पर सबूत मौजूद हैं।” इस बयान ने उनकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पाक संसद में गूंजा विरोध, सांसदों ने कहा- बचकाना बयान
पाकिस्तान की संसद में कई सांसदों ने ख्वाजा आसिफ के इस बयान पर नाराजगी जताई। एक सांसद ने कहा, “अगर देश का रक्षा मंत्री इस तरह सोशल मीडिया के आधार पर सैन्य सफलता के दावे करेगा, तो यह हमारी सेना और सरकार दोनों की साख के लिए घातक है।” उन्होंने कहा कि ऐसा गैर-जिम्मेदाराना बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को हास्य का पात्र बना सकता है।
सत्ता और सेना की छवि को नुकसान, विपक्ष ने मांगा स्पष्टीकरण
विपक्षी दलों ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए रक्षा मंत्री से संसद में औपचारिक स्पष्टीकरण की मांग की है। उनका कहना है कि राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान को गिराने का दावा बहुत बड़ा है और यदि यह सच होता, तो पाकिस्तान की सेना और मीडिया दोनों इसे पूरी दुनिया को दिखाते। लेकिन जब कोई प्रमाण नहीं है, तो यह सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया बयान लगता है।
यूजर्स बोले- ‘मिन्सट्रेट ट्वीट से जंग नहीं जीती जाती’
पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया पर भी ख्वाजा आसिफ के बयान का मजाक उड़ाया जा रहा है। ट्विटर पर कई यूजर्स ने लिखा, “बयान देने से पहले सबूत जुटा लेते तो अच्छा होता।” कुछ ने यह भी कहा कि “सोशल मीडिया पोस्ट से जंग नहीं जीती जाती, और न ही राफेल गिराए जाते हैं।”
रक्षा विशेषज्ञों ने बताया ‘मनगढ़ंत’
भारतीय रक्षा मंत्रालय या वायुसेना की ओर से इस कथित घटना की कोई पुष्टि नहीं की गई है। रक्षा विशेषज्ञों ने ख्वाजा आसिफ के दावे को “पूरी तरह मनगढ़ंत” बताया है और कहा है कि यह बयान पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और असंतोष से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है।
बयानबाजी की राजनीति ने डुबोई रक्षा मंत्री की साख
रक्षा मंत्री जैसे संवेदनशील पद पर बैठे व्यक्ति से जिम्मेदार बयान की अपेक्षा की जाती है। ख्वाजा आसिफ के इस निराधार दावे ने न सिर्फ पाकिस्तान की सेना की छवि को नुकसान पहुंचाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। अब यह देखना होगा कि क्या वे संसद में इस विषय पर स्पष्टीकरण देते हैं या इस विवाद को टालने की कोशिश करते हैं।