यूपी में वकीलों का हंगामा ! बुलडोजर एक्शन पर बवाल.. किया चक्का जाम, जानिए क्या है पूरा मामला ?

बुधवार, 11 जून 2025 की अलसुबह लगभग 4 बजे प्रशासन और नगर निगम ने प्रयागराज के कलेक्ट्रेट एवं कचहरी परिसर के सामने अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए संयुक्त अभियान शुरू किया। इस कार्रवाई में जेसीबी से कई कुर्सियां-मेज, वकीलों के चैंबर, टिनशेड और सड़क किनारे बनी अन्य संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे वकीलों में भारी आक्रोश फैला और उन्होंने सड़क जाम कर विरोध जताया।

 चैंबर ध्वस्तीकरण का घटनाक्रम

करीब डेढ़ घंटे चले अभियान में प्रशासन ने कलेक्ट्रेट और कचहरी परिसर के सामने सैकड़ों की संख्या में खड़ी कुर्सियों, मेजों और चैंबरों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान वकीलों के ‘जरूरी दस्तावेज’ बिखर गए, जिसका उल्लेख कई अधिवक्ताओं ने किया है।

 वकीलों का आक्रोश और चक्का जाम

चैंबरों की गिरावट की सूचना मिलते ही सैकड़ों वकील मौके पर जमा हो गए। उन्होंने सड़क पर फर्नीचर और टिनशेड रखकर विरोध स्वरूप चक्का जाम कर दिया। वकीलों का कहना था कि जब तक उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती, तब तक ऐसा अनियोजित ध्वस्तीकरण नहीं होना चाहिए। कई ने न्यायिक कार्यों से भी जानबूझकर विराम लिया।

 पुलिस तैनाती और सुरक्षा प्रबंध

वकीलों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने छावनी जैसी व्यवस्था की। कुछ सूत्रों के अनुसार, रैपिड एक्शन फोर्स, यूपी पुलिस की कई यूनिट्स और बैरिकेडिंग की व्यवस्था लक्ष्मी टाकीज चौराहे पर कर दी गई।

 दंगा-फसाद व तोड़फोड़ की सूचना

प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्रवाई के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पत्थर भी फेंके, जिसके चलते पास की तीन वाहनों की शीशे टूटने की सूचना है। इसके बाद वकीलों ने रणनीति बनाने के लिए आपात बैठक की।

 प्रमुख आरोप व प्रतिक्रिया

कुछ वकील प्रशासन पर “जल्दबाजी में” कार्रवाई करने और कोर्ट परिसर के अंदर व गैर-अतिक्रमणकारी संपत्तियों पर ध्वस्त करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी कार्रवाई से अधिवक्ताओं के कार्य बिगड़ते हैं और उचित पूर्व-चेतावनी और वैकल्पिक चैंबर देना प्रशासन की जिम्मेदारी है।

पत्रकारों व अन्य व्यापारियों की प्रतिक्रिया

अन्य अतिक्रमणकारी दुकानदार और व्यापारियों ने भी इस कार्रवाई को “निष्पक्ष” ना बताते हुए इसकी समयबद्धता पर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि बिना वैकल्पिक ठिकाने के व्यापारियों की दुकानें तोड़ी गईं, जिससे उनका कामकाज भी प्रभावित हुआ है

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