एक तरफ बिहार में राहुल-तेजस्वी साथ.. दूसरी तरफ महागठबंधन में कांग्रेस की अग्निपरीक्षा, RJD ने मांगी 25 सीटें !

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से लगभग चार महीने पहले महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) में सीट शेयरिंग की जंग तेज हो चुकी है। इसके केंद्र में आरजेडी की ओर से कांग्रेस को लगभग 25 सीटें पीछे हटाने का दबाव है, ताकि यादव‑मुस्लिम गठजोड़ से शुरुआत करते हुए नए साथी — वीआईपी, वामपंथी और झामुमो जैसे दलों को स्थान दिया जा सके। यह पहल गठबंधन की सामाजिक विविधता और चुनावी रणनीति को मजबूत करने की कोशिश है।
काँग्रेस से 25 सीटों का त्याग क्यों?
आरजेडी और अन्य गठबंधन दलों को यह आशंका है कि कांग्रेस की उपस्थिति यादव‑मुस्लिम समीकरण से बाहर सामाजिक आधार को कमजोर कर रही है ।
जुलाई 9, 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने 2020 में 70 सीटें लड़ीं लेकिन केवल 17‑19 पर जीत हासिल की थी, जिससे गठबंधन पर ‘बोझ’ बनने का आरोप लगा।
इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को 45‑50 सीटों की बजाय केवल लगभग 25 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव है, ताकि अन्य दलों को हिस्सेदारी दी जा सके।
कौन‑कौनसा नया समीकरण चाहिए?
वीआईपी (मुकेश सहनी): इस बार ‘वीआईपी’ को 10 से ज़्यादा सीटों की मांग है, जिसे पूरा करने के लिए कांग्रेस से सीटें कट सकती हैं।
झामुमो (Jharkhand Mukti Morcha): इसके लिए भी कुछ सीटें आरक्षित की जा रहीं हैं।
CPI‑ML (वाम दल): अपनी स्ट्राइक रेट के आधार पर 30 सीटों की मांग कर रहा है – पिछली बार उसने 19 में से 12 जीते थे।
आरजेडी का सीट‑शेयरिंग प्लान
आरजेडी 243 में कम से कम 140 सीट लड़ेगी, और बाकी (103 सीटों) में कांग्रेस‑Left‑VIP को बांटेगी – जैसे 50‑55 कांग्रेस को, 30‑35 वामपंथियों को, 12‑20 वीआईपी को।
वामपंथ की मांग है कि आठ सीटें ऊपर से दी जाएं, जो इनके प्रदर्शन पर आधारित हैं ।
सीट शेयरिंग रणनीति के कारण
विनबलिटी : गठबंधन में हर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए सर्वे और रुझानों के आधार पर संतुलित सीट आवंटन किया जा रहा है।
सामाजिक विविधता: यादव-मुस्लिम ब्लॉक के अलावा अन्य ओबीसी, ईबीसी, दलित एवं आदिवासी वोटों के लिए रूप‑रेखा तैयार की जा रही है।
पिछली चुनावों का विश्लेषण: 2020 में कांग्रेस के खराब स्ट्राइक रेट एवं वाम दलों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन ने नई रणनीति को जन्म दिया ।
सीट शेयरिंग: वर्तमान स्थिति
INDIA ब्लॉक के कई घटक संगठनों ने राजद‑कांग्रेस के बीच ‘बैर की सीट’ को बचाने की कोशिश की, चर्चा में समयबद्ध सहमति लाने की कवायद है।
राजद की रणनीति ‘साझेदारी + जीत‑केंद्रित’ आधारित है – गठबंधन को मजबूत दिखाने के लिए सीट‑सहमति बनाए रखना है ।
विश्लेषक और प्रतिक्रिया
विश्लेषकों के अनुसार यह ‘सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन’ बनाने की रणनीति है, ताकि NDA की तुलना में इंडिया ब्लॉक एक बेहतर वैकल्पिक विकल्प दिख सके।
कांग्रेस आलाकमान इस रुख से कुछ विरोधी हैं, जो चाहते हैं कि उन्हें ‘सम्मानजनक और जीतने वाली’ सीटें दी जाएं, ताकि वे गठबंधन में सेंट्रल भूमिका निभा सकें।
आरजेडी के नेतृत्व में भारत जोड़ो (INDIA) ब्लॉक सीट शेयरिंग को लेकर एक रणनीतिक मोड़ पर है। 25 सीटों के ‘त्याग’ का प्रस्ताव कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन, गठबंधन की विविधता की आवश्यकता और पार्टनर दलों की मांगों का संतुलन बनाने के उद्देश्य से सामने आया है। अब इस पर कांग्रेस, वाम दलों और वीआईपी‑झामुमो के साथ अंतिम वार्ता बकाया है। 2025 के विधानसभा चुनावों में यह सीट‑साझा समीकरण महागठबंधन की दिशा तय करेगा।