PM मोदी विकास के एजेंडे तो अमित शाह यात्राओं से साध रहे यूपी में ‘जनविश्वास’

 लखनऊ अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनावी (UP Chunav) समर की कमान खुद पीएम मोदी (PM Modi News) और अमित शाह (Amit Shah) ने संभाल ली है. जहां पीएम मोदी लगाताार कानपुर मेट्रो (PM Modi Kanpur Visit), प्रयागराज में महिलाओं को 1000 करोड़ की योजनाएं, गंगा एक्सप्रेस वे समेत यूपी को विकास की तमाम योजनाओं की सौगात दे रहे हैं, वहीं अमित शाह ने जन विश्वास यात्राओं से आधे से ज्यादा यूपी मथ डाला है. अमित शाह ने पिछले सात दिनों में अपनी रैलियों से यूपी की 250 विधानसभा सीटों पर माहौल बनाने का काम किया है. बीजेपी ने 19 दिसम्बर से प्रदेश के छह जिलों से जनविश्वास यात्राएं शुरू की थीं, यात्राओं की नाव पर सवार बीजेपी के नेता आधे से ज्यादा यूपी मथ चुके हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि वह इनके माध्यम से एक बार फिर जनविश्वास को साध सकेगी.

यात्राओं के माध्यम से बीजेपी जनअपेक्षा को तो समझ ही रही है, कार्यकर्ताओं को भी नए माहौल के मुताबिक लड़ाई के लिए तैयार कर रही है. एक ओर मोदी और शाह की जोड़ी माहौल तो बना ही रही है तो दूसरी ओर बीजेपी के राष्ट्रीय और स्थानीय चेहरे भी जनता से जुड़े मुद्दों को उछालकर जनता की नब्ज टटोल रहे हैं. जिनको समझकर पार्टी अभी से दूसरे चरण के कैम्पेन की रणनीति बना रही है.

जन विश्वास यात्रा से आधे से ज्यादा यूपी की जनता का मूड भांप आई बीजेपी
यात्राएं आधा से ज्यादा यूपी नाप चुकी हैं. सभी छह यात्राएं अबतक 8,500 किमी चल चुकी हैं, इनकी जद में प्रदेश की 250 विधानसभा सीटें आ चुकी हैं. इनमें बीजेपी के 67 सांगठनिक जिले आते हैं. यात्राओं के माध्यम से बीजेपी अबतक 2173 स्वागत सभाएं, 593 छोटी सभाएं, 38 बड़ी सभाएं कर चुकी है.

राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज़ और यूपी भाजपा के ये चेहरे बना रहे चुनावी माहौल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो हर यात्रा में एक से दो सभाएं कर चुके हैं, इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय, पंकज चौधरी, संजीव बालियान, जनरल वीके सिंह, बीएल वर्मा, एसपी सिंह बघेल, साध्वी जिरंजन ज्योति, भानु वर्मा के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीकान्त शर्मा, ब्रजेश पाठक, सूर्य प्रताप शाही, महेंद्र सिंह, भूपेंद्र चौधरी, लक्ष्मी नारायण चौधरी, सतीश महाना, सिध्दार्थ नाथ सिंह समेत पूरी कैबिनेट यात्रा में सभा करके साथ चल रहे हैं.

शाह की मुद्दे उछाल नब्ज पकड़ने की रणनीति पर यात्राओं में हो रहा अमल
राजनैतिक विश्लेषक राजकुमार सिंह बताते हैं कि मुख्यमंत्री जहां पिछली सरकार के गुंडाराज, भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहे हैं तो केंद्रीय नेता मोदी और योगी राज में किये गए विकास के कार्यों को गिना रहे हैं. तो केशव प्रसाद मौर्य मथुरा का नाम लेकर हिंदुत्व के मुद्दे को भी हवा दे रहे हैं. अतीक, मुख्तार, आजम खान को जेल भेजने का क्रेडिट भी बीजेपी लेकर ध्रुवीकरण का भी काम कर रही है. यात्रा के बीच ही सीएम ने रविवार को अतीक के कब्जे से छुड़ाई गई जमीन पर गरीबों के आवास बनाने के लिए भूमि पूजन भी कर डाला. अखिलेश के जिन्ना का नाम लेते ही बीजेपी ने उसे लपक कर मुद्दा बना लिया. वहीं सभी नेता गरीब, पिछड़ों, दलितों, वंचितों और महिलाओं के लिए किए गए काम गिना रहे हैं। जो मुद्दे सूट कर रहे हैं उन्हें बीजेपी आगे बढ़ा रही है. शाह की यह रणनीति है कि यूपी के चुनावी मिजाज को समझा जाए.

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