US ने दी थी हमले की चेतावनी, जयशंकर बोले- “PM मोदी ने उसी रात दिया जवाब”, अगली सुबह चला ऑपरेशन सिंदूर

अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित 9/11 मेमोरियल के पास ‘वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 9 मई की रात अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत में कहा था कि अगर भारत कुछ शर्तें नहीं मानता तो पाकिस्तान भारत पर बहुत बड़ा हमला कर सकता है। जयशंकर ने यह भी साफ किया कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की इस धमकी से कोई असर नहीं लिया, बल्कि सख्त प्रतिक्रिया देने का संकेत दिया।

“PM मोदी ने कहा, जवाब दिया जाएगा”

जयशंकर ने कहा, “मैं उस कमरे में मौजूद था जब यह बातचीत हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान की धमकियों से प्रभावित नहीं हुए, बल्कि उन्होंने संकेत दिया कि अगर ऐसा कोई कदम उठाया गया, तो भारत जवाब देगा।” इसके ठीक एक रात बाद पाकिस्तान ने भारत पर बड़ा हमला करने की कोशिश की, जिसका भारत ने तुरंत और निर्णायक जवाब दिया।

ऑपरेशन सिंदूर

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली थी। जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के ठिकानों को—जो कि घनी आबादी वाले इलाकों में ‘कॉरपोरेट ऑफिस’ की तरह मौजूद हैं—भारत ने निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया।

“सीधा हमला करेंगे, अब कोई छूट नहीं”

जयशंकर ने कहा, “अब भारत परोक्ष रूप से नहीं, बल्कि सीधे उन आतंकवादियों पर हमला करेगा जो सीमा पार बैठे हैं। हम अब उस सरकार को भी नहीं बख्शेंगे जो आतंकियों को पनाह देती है, फंडिंग करती है और उन्हें राजनीतिक रूप से संरक्षण देती है। परमाणु ब्लैकमेल से भारत डरने वाला नहीं है।”

आतंक का उद्देश्य

जयशंकर ने पहलगाम हमले को ‘आर्थिक युद्ध’ करार देते हुए कहा कि इसका मकसद कश्मीर की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को तबाह करना और धार्मिक हिंसा को भड़काना था। उन्होंने यह भी बताया कि हमलावरों ने लोगों से धर्म पूछकर गोलियां चलाईं, जो इस हमले के पीछे की गहरी साजिश को उजागर करता है।

 परमाणु धमकी का नहीं पड़ेगा असर

विदेश मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम पिछले कई वर्षों से सुनते आ रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न देश हैं और भारत इसलिए कुछ नहीं कर सकता। लेकिन अब हम इस ‘परमाणु ब्लैकमेल’ की रणनीति से नहीं डरते। अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो भारत उसके खिलाफ सीधा एक्शन लेगा।”

‘आतंकवाद सभी के लिए खतरा है’

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा आयोजित उस प्रदर्शनी का जिक्र भी किया, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के वैश्विक खतरे को उजागर किया गया था। उन्होंने कहा, “आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं है। कोई भी देश इसे अपनी विदेश नीति का औजार नहीं बना सकता, क्योंकि अंततः यह सबको नुकसान पहुंचाता है।”

ट्रंप के मध्यस्थता दावे और अमेरिका से रिश्तों पर जवाब

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक के बीच मध्यस्थता किए जाने के दावे पर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इससे भारत-अमेरिका व्यापारिक वार्ता पर कोई असर पड़ा है। हमारे व्यापारिक प्रतिनिधि बेहद पेशेवर हैं और इस मसले पर पूरी तरह केंद्रित हैं।”

भारत-पाक रिश्तों पर भारत की स्पष्ट नीति

जयशंकर ने अंत में यह दोहराया कि भारत का पाकिस्तान के साथ व्यवहार ‘द्विपक्षीय’ ही रहेगा और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार नहीं की जाएगी।

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