प्लास्टिक से पेट्रोल: भारत की देसी तकनीक बनी दुनिया की उम्मीद, दिल्ली में Five Elements ने बिखेरा जलवा

प्लास्टिक प्रदूषण से जूझ रही दुनिया को भारत ने एक अनोखा और क्रांतिकारी समाधान दिया है। Five Elements Environmental Technologies नामक भारतीय स्टार्टअप ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो प्लास्टिक कचरे को व्यावसायिक रूप से उपयोगी तेल में बदल देती है। यह तकनीक Global Conclave on Plastic Recycling and Sustainability (GCPRS) में प्रदर्शित की गई, जहां इसे भारी सराहना मिली।
प्लास्टिक को बनाया पेट्रोलियम का विकल्प
Five Elements द्वारा विकसित यह तकनीक प्लास्टिक कचरे को उच्च गुणवत्ता वाले तेल में बदलती है, जिसे बाद में पेट्रोकेमिकल कंपनियां circular plastics तैयार करने में इस्तेमाल करती हैं। यह तकनीक ISCC PLUS सर्टिफाइड है और पूर्ण रूप से कंटीन्युअस ऑपरेशन में सक्षम है, यानी लगातार चल सकती है, जिससे इसे दुनिया की अग्रणी वाणिज्यिक परियोजनाओं में गिना जा रहा है।
दिल्ली के GCPRS मंच पर तकनीक का प्रदर्शन
17 से 20 जून 2025 तक दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित हुए GCPRS कार्यक्रम में Five Elements का स्टॉल (E10, हॉल 6) आकर्षण का केंद्र बना रहा। इसमें दुनिया भर से पर्यावरणविद, सरकारी प्रतिनिधि, नीति निर्माता और निवेशक शामिल हुए। लोगों ने इस तकनीक की उपयोगिता और प्रभावशीलता को करीब से देखा।
रीसाइक्लिंग से आगे की सोच – केमिकल रीसाइक्लिंग
Five Elements का मानना है कि पारंपरिक रीसाइक्लिंग अब प्लास्टिक संकट का समाधान नहीं है, क्योंकि इसकी दर दुनिया भर में 10% से भी कम है। इसीलिए कंपनी केमिकल रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दे रही है, जो प्लास्टिक को उसके मूल केमिकल रूप में बदलने की क्षमता रखता है और इसका दोबारा उपयोग संभव बनाता है।
व्यावसायिक तौर पर असरदार, पर्यावरण के लिए सुरक्षित
Five Elements के प्रवक्ता ने बताया,
“हमारी तकनीक भारत में ही विकसित की गई है और यह न केवल व्यावसायिक रूप से प्रभावी है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है। हम चाहते हैं कि भारत के हर कोने में यह तकनीक पहुंचे ताकि प्लास्टिक कचरे की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके।”
देशभर में लगाए जाएंगे प्लांट, मिलेगी रोजगार की भी ताकत
इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में Five Elements ने यह भी घोषणा की कि कंपनी अगले दो वर्षों में भारत के विभिन्न हिस्सों में ऐसे कम से कम 10 वाणिज्यिक संयंत्र लगाएगी। इससे न सिर्फ प्लास्टिक कचरे की समस्या सुलझेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
GCPRS: नवाचार और स्थायित्व का अंतरराष्ट्रीय मंच
GCPRS (www.gcprs.org) का उद्देश्य प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और सतत विकास को बढ़ावा देना है। इस वर्ष देश-विदेश की अग्रणी कंपनियों, स्टार्टअप्स, सरकारी एजेंसियों और शोध संस्थानों ने इसमें भाग लिया। Five Elements का नवाचार इस आयोजन की सबसे चर्चित प्रस्तुतियों में से एक रहा।
भारत ने दिखाई दिशा, दुनिया ने माना असर
Five Elements Environmental Technologies की यह पहल भारत के लिए गौरव का विषय है। यह साबित करता है कि भारत न केवल पर्यावरणीय चुनौतियों को पहचानता है, बल्कि उन्हें हल करने में अग्रणी भूमिका भी निभा सकता है। ऐसे नवाचारों के ज़रिए हम हरित भविष्य की ओर मजबूती से कदम बढ़ा सकते हैं।