डॉक्टर बनकर गाँव की सेवा करना चाहता था पिंटू लेकिन कोरोना से हो गई मौत

सोनपुर–डॉ पिंटू अपने क्षेत्र व परिवार के लोगो को एक सपना दिया था कि वह डॉ बनकर गरीबो को ईलाज करेगा । उनके परिवार वालों ने पिंटू को प्रशिद्ध डॉ का सपना पूरा करने के लिए जमीन जयदाद गिरबी व बेच कर उक्रेन भेज दिया कि एक दिन पिंटू डॉ बनकर समाज के सेवा करेगा लेकिन सभी लोगो के सपना को चकनाचूर कर इस दुनिया को अलविदा कह दिया । भगवान का क्या मर्जी था जो पिंटू कोरोना संक्रमित होकर अन्ति सांस लेते हुए परिवार के दिया को बुझा दिए । पिंटू यूरोप के यूक्रेन में बीते तीन दिसंबर को हुई मेडिकल के छात्र डॉ पिंटू कुमार की मौत के 13 दिन के बाद सोनपुर के इस्माइल चक शव पहुंचने के बाद यहां चीख पुकार मच गई। छात्र इस्माइल चक का बृजेश महाराज का पुत्र है। शव प्लेन से पटना पहुंचा था उसके बाद एंबुलेंस के द्वारा इस्माइल चक लाया गया। कोरोना संक्रमित होने के कारण शव के साथ छपरा तथा सोनपुर स्वास्थ विभाग की टीम थी। सोनपुर अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक प्रभारी डॉ हरिशंकर चौधरी, अस्पताल प्रबंधक मृत्युंजय पांडये ने कोरोना प्रोटोकॉल के पालन करते हुए परिजनों के साथ ग्रामीणों का अंतिम दर्शन करने के लिए कुछ पल के लिए चेहरा दिखया गया उसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार पहलेजाघाट धाम पर किया। वही परिजनों ने आरोप लगाया कि यहां के सांसद राजीव प्रताप रूढ़ि ,विधायक रामानुज प्रसाद, बिहार राज्य गृहमंत्री नित्यानंद के अलावा बिहार सरकार के कई मंत्रियों तक कि गुहार लगायी उक्रेन से पिंटू का शव लाने के लिए कोई प्रयास नही किया कारण कि डॉ पिंटू एक गरीब परिवार से तालुक रखने वाला गरीब का बेटा था अगर मंत्री,विधायक,पूंजीपतियों के रहता तो उन्हें लाने में 13 दिन नही लगता । सोनपुर कोरोना नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा व परिजनों के सहयोग से उक्रेन से पार्थिव शरीर सोनपुर आया जिससे डॉ पिंटू का अंतिम संस्कार व दर्शन सभी लोगो ने किया ।

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