कनाडा में 3 दिन पहले हुई भारतीय की मौत, कोरोना कि आशंका, शव लेने अबतक नहीं पहुंचे परिजन

  • 3 दिन बीत जाने के बाद भी छात्र का शव कनाडा सरकार के कब्जे में,
  • 16 माह से छात्र कनाडा में रह कर कर रहा था बिजनेस प्रबंधन का कोर्स,
  • कनाडा के ब्रमटन शहर के सिविल अस्पताल से चल रहा था इलाज,
  • छात्र की मौत की खबर से घर मे मातम, इलाके में दहशत,
  • पीलीभीत तराई क्षेत्र के लगभग 10 हजार लोग रहते है विदेश में।

 

 

कनाडा में पढ़ने गए एक भारतीय छात्र की 3 दिन पहले मौत होने के बाद अभी तक शव परिजनों को नही मिला है। कनाडा सरकार  शव की जांच पड़ताल करने के बाद ही शव देगी। वही पीलीभीत में मृतक के माता पिता,चाचा दोस्त कोई भी कोरोना वायरस के डर से अपने बच्चे के अंतिम संस्कार में नही जा रहे है,न ही शव को इंडिया में ला रहे है।फिलहाल तराई क्षेत्र के करीब 10 हजार लोग विदेश में है जिनके परिवार दहशत में है।

दरअशल पीलीभीत के पूरनपुर क्षेत्र के गांव खडेपुर चंदुईया के रहने वाले 22 साल के सूरत पाल की बीते शुक्रवार को कनाडा में मौत हो गई, सूरत पाल कनाडा में अपनी मौसी के पास रह कर पढ़ाई कर रहा था। शुक्रवार को सूरत को खासी,जुखाम हो गया और इलाज के दौरान मौत हो गई। इलाज करने वाले डॉक्टर न घर वालो को निमोनिया से मौत होना बताया है। कनाडा सरकार ने कोरोना वायरस के डर से शव को अपनी निगरानी में रख लिया। जब तक मौत की सही वजह नही पता चलती तब तक शव कनाडा सरकार के पास रहेगा। आज 3 दिन के बाद भी शव परिजनों को नही मिला।

वही पीलीभीत में मृतक सूरत पाल के परिजन अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये नही जा रहे है। एक तो कोरोना का डर दूसरा कोरोना वायरस की वजह से यहां से वहां आने जाने में दिक्कत का सामना भी करना पड़ेगा। कनाडा में रह रहे रिश्तेदार और और पीलीभीत में मृतक के परिजनों से फोन द्वारा बात करने के बाद ये फैसला हुआ कि वही अंतिम संस्कार कर दिया जाए। कोरोना वायरस के डर से सूरत के माता पिता और घर वाले अपने हाथ से अंतिम संस्कार भी नही कर सकते।

पीलीभीत के इस पूरनपुर में क्षेत्र में  सिक्ख समुदाय के लोगो के सभी घरों से कोई न कोई विदेश में जरूर रहता है करीब 10 हजार लोग विदेश में रह रहे होंगे, इस घटना के बाद से सभी लोग दहशत में है। अपने रिस्तेदारो से फोन पर हाल चाल ले रहे है और डर रहे है,हालांकि जनपद में दूर दूर तक कोरोना वायरस का कोई असर नही लेकिन बेटा,पिता,भाई,कोई न कोई हर घर से विदेश में है।

Related Articles

Back to top button