समाज के लिए चेतावनी! 8वीं और 10वीं के लड़कों ने होटल में किया 15 वर्षीय किशोरी से गैंगरेप, फिर इंस्टाग्राम..

पटना के कोतवाली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले इलाके में एक मर्मांतक घटना सामने आई है, जहां एक 14-16 वर्ष की नाबालिग लड़की का कथित तौर पर कक्षा आठ के तीन छात्रों ने होटल में शराब-धक्का देकर सामूहिक दुष्कर्म किया। इस घटना ने राज्य में कानून व्यवस्था, नाबालिगों की सुरक्षा और पुलिस व स्वास्थ्य प्रणाली की जवाबदेही को चुनौती दी है।
घटना का सिलसिला और पुलिस की प्रारंभिक जांच
यह मामला लगभग 20–23 मई 2025 की मध्य रात्रि का बताया जा रहा है, जब लड़की एक “दोस्त” की अगुवाई में तीन लड़कों के साथ एक होटल पहुंची। भारत टुडे पर प्रकाशित रिपोर्ट अनुसार, उसे नशीला पेय देकर बेहोश कर दिया गया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत दर्ज हुई ।
पुलिस की माने, लड़की 22 मई दोपहर को होटल के कमरे में नशे की हालत में मिली। तब उसे पास के अस्पताल में भेजा गया, जहां उसकी बयान दर्ज की गई ।
शिकायत और एफआईआर
FIR 23 मई को लड़की की माँ द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें दो नाबालिग लड़कों का नाम लिया गया और होटल को जांच के लिए टैग किया गया ।
पटना के SHO संतोष कुमार सिंह ने दावा किया कि होटल पर जांच जारी है, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और स्टाफ से पूछताछ हो रही है ।
नाबालिग आरोपियों की पहचान और हिरासत
पुलिस ने प्राथमिक जांच में तीन नाबालिग लड़कों को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया, जिनमें से मुख्य आरोपी उसके कक्षा आठ के छात्र बताए जा रहे हैं।
होटल के कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड और नजदीकी CCTV रिकॉर्ड की मदद से संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
आरोप लगाया गया है कि लड़की को नशीली शराब/मदिरा देकर बेहोश कर सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
पोक्सो अधिनियम की प्रावधान
इस मामले में धारा 5(p) POCSO एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ओफ्फेंसेस एक्ट) लगाई गई है, जो नाबालिगों के खिलाफ दर्ज की जाने वाली गंभीर यौन अपराधों में सबसे कठोर कर्रवाई की अनुमति देता है।
मामलों में नाबालिग आरोपियों के लिए विशेष प्रक्रिया—जैसे कोर्ट में बयान सेक्शन 164, ट्रायल जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) में—पालक-भर्ती, प्रतिनिधि वकील आदि शामिल होंगे।
चिकित्सा जांच और उपचार
नाबालिग को दानापुर सदर अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा और मेडिकल जांच के लिए लाया गया। वहां डॉक्टरों द्वारा मेडिकल और फॉरेंसिक जांच कराई गई।
मेडिकल रिपोर्टों में उसके जख्म, नशे की स्थिति और प्रिजर्वेशन की जानकारी दर्ज होगी, ताकि अदालत में सबूतों की पुष्टि हो सके।
नवप्रवर्तन और प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका
पुलिस द्वारा स्थानीय सुरक्षा कैमरों का विश्लेषण, होटल कर्मियों और गार्ड्स का बयान, लड़की के दोस्तों व परिजनों से पूछताछ आदि की जा रही है।
फॉरेंसिक जांच में पीड़िता के कपड़े, कमरे का सैंपल, नशे की जाँच जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
नाबालिग अपराधी होने के कारण, मामले को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष दर्ज किया जाएगा, जहां जांच और ट्रायल विशेष निर्देशों के अनुसार होगा।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और सरकार की जवाबदेही
पूरे बिहार में यह घटना विशेष रूप से कोतवाली क्षेत्र में गंभीर चिंता उत्पन्न कर रही है। विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा यह घटना पुलिस कार्रवाई व स्वास्थ्य प्रणाली में शिथिलता पर प्रश्न उठा रही है।
सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार चैनलों पर इस पर भारी बहस हो रही है—लोग सुरक्षा, पुलिस-जशमी अदालतों की जवाबदेही और बच्चों की नैतिक शिक्षा विषयों पर सवाल उठा रहे हैं।