खेमका मर्डर केस में 1 बदमाश का एनकाउंटर, मौत.. MLC से जुड़ रहे शूटर के तार, शाम 5 बजे होने वाला है खुलासा ?

बिहार के चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका मर्डर केस में पटना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध विकास उर्फ राजा को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। वहीं शूटर उमेश उर्फ विजय की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं, जिससे यह साफ हो रहा है कि हत्या की यह साजिश बेहद सुनियोजित थी और इसके तार बड़े सियासी रसूख से भी जुड़े हो सकते हैं।
तड़के 4 बजे हुआ एनकाउंटर, पुलिस पर चलाई गोली
घटना मंगलवार सुबह करीब 4 बजे की है जब पुलिस की एक टीम पटना सिटी में विकास उर्फ राजा से पूछताछ के लिए पहुंची। लेकिन जैसे ही पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की, उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से विकास मारा गया।
घटना की जानकारी मिलते ही SDPO-2, SP और SSP कार्तिकेय शर्मा मौके पर पहुंचे। घटनास्थल से एक पिस्टल, जिंदा कारतूस और खोखा बरामद किया गया है। शव को नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
राजा ने दिया था शूटर उमेश को हथियार, कई हत्याओं में था नाम
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विकास उर्फ राजा, जो पटना सिटी के मालसलामी इलाके का रहने वाला था, ने ही शूटर उमेश यादव को हत्या में इस्तेमाल होने वाला हथियार मुहैया कराया था। हालांकि SSP कार्तिकेय शर्मा ने कहा है कि अभी तक उसका गोपाल खेमका हत्याकांड से सीधा संबंध सामने नहीं आया है, लेकिन उस पर पहले से कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह एक पेशेवर शूटर था।
शूटर उमेश की गिरफ्तारी से खुले राज, 10 लाख की थी सुपारी
इससे पहले 8 जुलाई को पुलिस ने मालसलामी इलाके से ही शूटर उमेश यादव उर्फ विजय को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उमेश ने स्वीकार किया कि उसे खेमका की हत्या के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी, जिसमें से एक लाख रुपये एडवांस भी मिल चुके थे।
पुलिस ने उसकी निशानदेही पर गंगा किनारे से हथियार भी बरामद कर लिया है। उमेश राय दिल्ली में विजय के नाम से रहता था और काफी समय से फरार था।
स्कूल से बच्चे को लेने गया था तभी पुलिस ने दबोचा
SIT की टीम जब उमेश के घर पहुंची, उस वक्त वह बच्चे को स्कूल से लेने गया हुआ था। इसी दौरान टीम ने उसकी घेराबंदी की और उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके पास से घटना में इस्तेमाल की गई बाइक, एक पिस्टल, 80 कारतूस, दो मोबाइल फोन और एक लाख कैश बरामद किया है।
इसके अलावा पटना जंक्शन से भी एक अन्य संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। उमेश की निशानदेही पर कोतवाली थाना क्षेत्र के उदयगिरी अपार्टमेंट में छापेमारी की गई, जहां से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।
MLC से जुड़ाव की चर्चा, बाइक का नंबर भी हटाया था
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शूटर उमेश एक MLC का करीबी है और हत्या को अंजाम देने से पहले उसने बाइक का नंबर भी हटा दिया था ताकि CCTV फुटेज से उसकी पहचान न हो सके।
हालांकि, पुलिस ने CCTV फुटेज को डेवलप कर उसकी पहचान कर ली, जिसके बाद छापेमारी शुरू हुई और उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी।
शाम 5 बजे DGP करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
बिहार के DGP विनय कुमार ने बताया है कि वह शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गोपाल खेमका मर्डर केस से जुड़े बड़े खुलासे करेंगे। इस केस को अब राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था से जोड़कर देखा जा रहा है।
अपार्टमेंट के सामने की गई थी खेमका की हत्या
गौरतलब है कि 4 जुलाई की रात, कारोबारी गोपाल खेमका की रामगुलाम चौक के पास कटारुका निवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे बांकीपुर क्लब से घर लौट रहे थे और खुद गाड़ी चला रहे थे।
जैसे ही वे अपने अपार्टमेंट के गेट के सामने पहुंचे, एक बाइक सवार अपराधी ने सिर में गोली मार दी और मौके से फरार हो गया। उन्हें तत्काल मेडिवर्सल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
CCTV फुटेज से हुई पुष्टि, अपराधी भागते हुए कैद
घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है जिसमें अपराधी को खेमका को गोली मारकर भागते हुए साफ देखा जा सकता है। फुटेज ने पुलिस की जांच में अहम भूमिका निभाई है।
हत्या के पीछे संगठित आपराधिक नेटवर्क?
अब तक की जांच से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि गोपाल खेमका की हत्या एक संगठित आपराधिक गिरोह द्वारा की गई है, जिसमें राजनीतिक संरक्षण और हथियार सप्लाई से लेकर सुपारी तक की पूरी श्रृंखला है। पुलिस की अगली कार्रवाई और DGP की प्रेस कॉन्फ्रेंस से इस केस में और भी सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं।