प्रज्ञा के बयान पर संसद से सड़क तक हो गया हंगामा, राहुल गांधी से लेकर राजनाथ सिंह तक आमने-सामने

बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से विपक्ष का निशाना बनती रहती हैं। बीते दिन उन्होंने संसद में नाथूराम गोडसे को देशभक्त कह एक बार फिर विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे दिया है। उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साध रही हैं। इसी क्रम में विपक्ष ने लोकसभा में भी उनपर कार्यवाही की मांग की।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं उस महिला के बारे में नहीं बोलना चाहता। यह आरएसएस और बीजेपी की आत्मा में है। वह कहीं ना कहीं से निकलेगा। वह गांधी जी की कितनी भी पूजा करें। उनकी आत्मा (आरएसएस) की है। मैं अपना समय खराब नहीं करना चाहता। उनके उपर एक्शन लें। वहीँ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस को टेररिस्ट पार्टी कहते हैं। जिस पार्टी ने बलिदान दिया। राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले को देशभक्त कहते हैं क्या सदन चुप रहेगा? आप इंदिरा गांधी को हड़पना चाहते हैं। पंडित नेहरु को हड़पना चाहते हैं। अब महात्मा गांधी को हड़प रहे हैं।

राजनाथ ने दी सफाई, कहा हमारी सोच नहीं

इसके साथ ही AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा सञ्चालन के नियम 223 और 224 के तहत नोटिस दिया। वहीँ साध्वी प्रज्ञा के बयान पर चुप्पी तोड़ते हुए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नाथूराम गोडसे को देशभक्त मानने की अगर कोई सोच है तो हमारी पार्टी उसका खंडन करती है। नाथूराम गोडसे को जो देशभक्त मानते हैं हमारी पार्टी इस सोच के खिलाफ है। महात्मा गांधी को सब अपना आदर्श मानते हैं। वहीँ लोकसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर कार्यवाही करने से इंकार करते हुए कहा कि साध्वी प्रज्ञा का बयान सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं था।

राज्यसभा में भी नहीं होगी कार्यवाही

गौरतलब है कि राजनाथ सिंह की सफाई और लोकसभा अध्यक्ष के फैसले से नाखुश कांग्रेस सांसद लोकसभा से बाहर चले गए जिसके बाद लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हो गई। वहीँ राज्यसभा ने भी साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कार्यवाही करने से मना कर दिया है। सांसद संजय सिंह ने सदन में साध्वी प्रज्ञा के बयान पर चर्चा करने की अपील की थी जिसे सभापति ने यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि वह बयान दूसरे सदन में दिया गया था।

बता दें कि गुरुवार को दोनों ही सदनों में अहम बिल पर चर्चा होनी है। लोकसभा में दिल्ली की अवैध कॉलिनियों से जुड़ा विधेयक होगा। इसके अलावा वित्त मंत्री लोकसभा में टैक्सेशन कानून संशोधन बिल भी पेश करेंगी। वहीँ राज्यसभा में चिट फंड संशोधन बिल पर चर्चा जारी रहेगी। इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यसूची में ई-सिगरेट से जुड़े विधेयक पर चर्चा भी शामिल है।

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