दलित पिता-पुत्र पर भीड़ का कहर: आधा सर मुंडवाकर.. घास खिलाई.. जानवर की तरह घुमाया, राहुल गांधी भी..

रविवार, 22 जून 2025 को गंजाम जिले के धाराकोटे थाना क्षेत्रांतर्गत खारीगुम्मा गाँव में दो दलित पुरुषों—बबुला नायक (45–54 वर्ष) और बुलु नायक (35–43 वर्ष)—के साथ वीभत्स अत्याचार किया गया। ये अपने बेटी की शादी के लिए खरीदे गए दो गाय और एक बछड़े को लेकर ऑटो रिक्शा से घर लौट रहे थे, तभी एक भीड़ ने उन पर हमला किया ।
भीड़ ने लगाए आरोप
भीड़ ने इन पर गौ तस्करी का आरोप लगाया और ₹30,000 की मांग की, जिसे इन मजबूर किसानों ने चुकाया नहीं
अमानवीय यातना
इनको घसीटकर पूरी तरह से अपमानित किया गया:
सिर के कुछ भाग को आंशिक रूप से काटा गया (टोंसोर किया गया)।
घुटनों के बल करीब 1–2 किलोमीटर तक क्रॉल कराए गए।
उन्हें घास खाने और नाली का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर किया गया।
उन्हें ₹700 नगद और मोबाइल फोन छिन लिए गए।
प्रतिक्रिया एवं कानूनी कार्यवाही
पुलिस कार्रवाई
पीड़ितों ने रविवार शाम धाराकोटे पुलिस थाना में FIR दर्ज कराई। पुलिस ने छह आरोपियों को हिरासत में लिया है, अन्य की खोज जारी है ।
गंजाम एसपी सुवेंदु कुमार पात्र ने पुष्टि की कि मामला गौ–रक्षा का बहाना बना वसूली प्रतीत होता है, और आगे की जांच में cattle के खरीदे जाने का सत्यापन भी होगा ।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने इस घटना को कड़ा हमला करते हुए इसे भारतीय संविधान के विरुद्ध बताया और मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया।
कांग्रेस नेता निरंजन पटनााइक ने ट्विटर द्वारा “जातिवाद बढ़ रहा है” कहते हुए सरकार को जिम्मेदार ठहराया ।
दलित महासभा ने राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की और न्याय की माँग की ।
दोषियों पर क्या कार्रवाई अपेक्षित है?
एसपी का कहना है कि कैटर की खरीद शादी के लिए हुई थी, गौ तस्करी का आरोप निराधार है, और अपराध SC/ST अत्याचार अधिनियम एवं IPC की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया जाएगा ।
अपराधियों की पहचान, गिरफ्तारियाँ तथा न्यायिक प्रक्रिया जारी है।
यह दर्दनाक मामला केवल एक व्यक्तिगत आतंकवाद नहीं, बल्कि छुआछूत और जातिप्रथा का सशक्त संकेत है। ऐसे में कानून की स्थापना ज़रूरी है ताकि भविष्य में समाज में ऐसी काली छिद्राएँ न उभरें। सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि दलितों को मिले बुनियादी मानवाधिकार।