दो अंतरराष्ट्रीय एथलीटों की याचिका पर केन्द्र और नाडा को नोटिस

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) के प्रावधानों को चुनौती देने वाली दो अंतरराष्ट्रीय एथलीटों की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और नाडा को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों एथलीटों की याचिका को ऐसी ही चार और याचिकाओं के साथ टैग करने का आदेश दिया।

याचिका धर्मराज यादव और चुन्नी लाल ने अलग-अलग दायर की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील सौरभ मिश्रा ने कहा कि नाडा ने उन्हें 5 मार्च 2019 को गलत तरीके से निलंबित कर दिया और अगले एक साल तक किसी प्रतियोगिता में भाग लेने पर रोक लगा दी। इससे संविधान की धारा 19(1)(जी) का उल्लंघन हुआ है।

याचिका में कहा गया है कि नाडा ने दोनों खिलाड़ियों को गैरकानूनी तरीके से निलंबित किया है। नाडा दोनों खिलाड़ियों को मुआवजा दे। याचिका में कहा गया है कि नाडा के नियम की धारा 7(3)(1)(एफ) के तहत खिलाड़ी को लेबोरेट्री डाक्युमेंटेशन पैकेज के लिए भुगतान करना होता है। याचिकाकर्ताओं को इसकी रिपोर्ट के लिए मार्च 2020 तक का इंतजार करना पड़ा और आखिरकार उस रिपोर्ट में पाया गया कि खिलाड़ियों ने किसी भी एंटी डोपिंग नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। याचिका में कहा गया है कि नाडा के नियम की धारा 7(3)(1)(एफ) के तहत अभियुक्त से ही पैसे लिए जाते हैं। ये स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।

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