उत्तर भारत में बारिसज का कहर

मौसम की मार जारी:भारी बारिश से दिल्ली में यमुना उफान पर, राजस्थान में घरों में भरा पानी; हिमाचल में 632 करोड़ का नुकसान

दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और पंजाब सहित कई राज्यों में मौसम की मार जारी है। IMD ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। बारिश के कहर से पहाड़ी राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं।

हिमाचल में अब तक 326 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। राज्य में बारिश से अब तक 632 करोड़ का नुकसान हो चुका है। वहीं, UP के 26 जिलों में तेज बारिश की आशंका जताई गई है। इस बीच दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 28 मिमी बारिश हो चुकी है। यहां यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर के बेहद करीब पहुंच गया है।

मौसम विभाग ने यहां रविवार को भी जोरदार बारिश होने का अंदेशा जताया है। दिल्ली प्रशासन ने नदी के आसपास रहने वालों को अलर्ट जारी किया है। यहां से 100 से ज्यादा परिवारों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।

फोटो दिल्ली की यमुना नदी का है, यहां वाटर लेवल खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।

दिल्ली के प्रह्रलादपुर इलाके में अंडर ब्रिज बारिश के पानी में आधा डूब गया।

राजस्थान: 5 संभाग और 21 जिलों में जोरदार बारिश
प्रदेश में शनिवार को 21.6 मिमी औसत बारिश हुई और एक ही दिन में बारिश का आंकड़ा 195.59 से 217.46 मिमी पहुंच गया, जो औसत से अब सिर्फ 12.8% कम है। जोधपुर और उदयपुर संभाग को छोड़कर बाकी 5 संभागों में जोरदार बारिश जारी है।

बारां जिले के शाहबाद में शनिवार को 11.9 तो जयपुर में 5.1 इंच बारिश हुई। जयपुर में करीब 16 घंटे तक बारिश का दौर चला। नागौर जिले में 3 दिन से जारी बारिश के बाद 30 साल बाद जोजरी नदी में बहाव बेहद तेज हो गया है। जिले भर के तालाब लबालब हो गए है। राज्य के 21 से अधिक जिलों में तेज बारिश हुई है। जयपुर में बारिश ने जुलाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

सीकर में भारी बारिश के चलते बद्रीनाथ मंदिर परिसर में पानी भर गया।

मध्यप्रदेश: भोपाल में 2 इंच ज्यादा तो इंदौर में 2 इंच कम बारिश
मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में रुक-रुकर बारिश जारी है तो वहीं कुछ जिलों में कम बारिश हुई है। भोपाल में जुलाई महीने में सामान्य से 2 इंच ज्यादा बारिश हुई है। इस महीने करीब 10 दिन पानी गिरा है, जबकि औसतन 12 से 13 दिन बारिश होती है। जुलाई तक सामान्य बारिश 18 इंच होती है, जबकि अब तक 20 इंच हो चुकी है।

वहीं, इंदौर की हालत चिंताजनक है। जून में औसत 6 दिन से दोगुना ज्यादा 15 दिन पानी गिरा, लेकिन कोटे से एक इंच कम बारिश हुई। इसका मुख्य कारण तेज बारिश नहीं होना रहा। यही हालत जुलाई में रही। सामान्य तौर पर 12 दिन की जगह 20 दिन बूंदाबांदी हुई, लेकिन यहां लोगों को राहत नहीं मिल सकी। अभी भी कोटे से करीब एक इंच बारिश कम है। सामान्य तौर पर 10.5 इंच बारिश होना चाहिए, लेकिन सिर्फ 9.5 इंच पानी ही गिरा।

उत्तर प्रदेश: 4 घंटे की बारिश में लखनऊ पानी-पानी; कानपुर में जलभराव
उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में रविवार को भारी बारिश के आसार हैं। यहां रेड अलर्ट जारी किया गया है। सबसे ज्यादा बारिश पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के जिलों में होगी। यहां तेज गरज और चमक के साथ बारिश होगी। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। प्रदेश में 4 घंटे में सबसे ज्यादा 30.2 MM (मिलीमीटर) बारिश राजधानी लखनऊ में रिकॉर्ड की गई। कानपुर की हालत लगातार खराब हो रही है। गंगा और पांडु नदी का जलस्तर बढ़ने से शहरी इलाकों में पानी भर आया है। लोगों के घरों में भी जलभराव हो गया है। लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।

प्रदेश के बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, कौशांबी, चंदौली, महोबा, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन, आगरा, औरैया, लखनऊ, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोरखपुर, महाराजगंज, प्रयागराज, फतेहपुर, अमेठी, रायबरेली, सीतापुर और सोनभद्र जिलों में बारिश की संभावना है।

वाराणसी में बारिश से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिसके बाद कई मंदिर डूब गए।

झारखंड: 3 दिन से 15 जिलों में जोरदार बारिश
राज्य में पिछले 3 दिनों से जोरदार बारिश जारी है। शहर से गांव तक पानी ही पानी है। धनबाद सहित 15 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। धनबाद में पिछले 24 घंटे में 183 एमएम बारिश हुई। ईचागढ़ के 41 गांव बाढ़ में डूब गए हैं। पंचेत और मैथन डैम और दामोदर नदी और बराकर नदी खतरे के निशान के आसपास है। पंचेत डैम के 8 फाटक खोले गए हैं। झरिया और आसपास के इलाकों में भू-धंसान की घटनाएं हुई हैं।

रांची में बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो गया है और लोगों को कमर तक पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।

हिमाचल प्रदेश: 6 दिन से फंसे टूरिस्ट रेस्क्यू किए गए
हिमाचल प्रदेश में बारिश और लैंड स्लाइड के बाद फंसे 326 टूरिस्ट रेस्क्यू कर लिए गए हैं। इनमें से 66 लोग लाहौल स्पीति में फंसे थे, जिन्हें हेलिकॉप्टर करे जरिए रेस्क्यू किया गया। ये लोग पिछले 6 दिनों से यहां फंसे हुए थे। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के डायरेक्टर सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि 7 लोग जाहलामा, 15 शांशा और 14 लोग अभी भी फूडा में फंसे हुए हैं। खराब मौसम की वजह से उनका रेस्क्यू फिलहाल नहीं हो सका है। अब तक 178 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

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