रेलगाड़ियों में स्लीपर कोच खत्म करने की कोई योजना नहीं : रेलवे

नई दिल्ली। भविष्य में सेमी हाई स्पीड ट्रेनों में स्लीपर कोच को पूरी तरह समाप्त करने संबंधी अटकलों पर विराम लगाते हुए रेलवे ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि किसी भी रेलमार्ग पर शयनयान श्रेणी के डिब्बों को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विनोद कुमार यादव ने यहां एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि स्वर्णिम चतुर्भुज सहित अन्य 130 से 160 किमी प्रति घंटे की गति वाले यात्री रेलमार्गों पर भी स्लीपर कोच वाली रेलगाड़ियों का परिचालन जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि रेलवे ने पिछले दिनों कुछ मार्गों पर लंबी दूरी की मेल व एक्सप्रेस गाड़ियों की गति को 110 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 130 किमी से 160 किमी प्रति घंटे पर चलाने की योजना के संबंध में बताया था। इन रेलमार्गों पर तेज गति और मौसमी प्रभाव के चलते नॉन-एसी कोच तकनीकी समस्याएं पैदा करेंगे इसलिए स्लीपर कोच हटाकर अधिक सीटों की क्षमता वाला एक नया एसी कोच डिजायन किया जा रहा है। इसी के बाद से रेलगाड़ियों से स्लीपर कोच को हटाने को लेकर भ्रम फैल गया।

सीआरबी ने कहा कि हम ट्रेनों की गति बढ़ा रहे हैं ताकि यात्रा में लगने वाले समय को कम किया जा सके। वर्तमान में अधिकांश यात्री रेलगाड़ियां 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती हैं अब स्वर्णिम चतुर्भुज पर पहले चरण में रेलगाड़ियां 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। उन्होंने कहा कि इनके लिए नया कोच प्रोटोटाइप तैयार किया गया है। इसका लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को कम से कम किराये में एसी कोच की यात्रा मुहैया कराना है। स्लीपर कोच में तेज हवा के कारण कुछ असुविधा आ सकती है, इसलिए अगले साल तक अधिक बर्थ वाला कोच तैयार हो जाएगा।

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