नीरव मोदी को बड़ा झटका:अमेरिका की दिवालिया अदालत में भगोड़े हीरा व्यापारी की अपील खारिज,

बैंकों के एक अरब डॉलर हड़पने का आरोप हटाने की मांग की थी

अमेरिका की एक दिवालिया अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उसके दो सहयोगियों की एक अपील को खारिज कर दिया है। नीरव और उसके सहयोगियों ने अदालत से अपने ऊपर लगे फर्जीवाड़े के आरोप को खारिज करने की मांग की थी।

तीन कंपनियों ने लगाया है नीरव पर आरोप

नीरव और उसके दो सहयोगियों पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप तीन अमेरिकी कंपनियों के (कोर्ट की तरफ से अपॉइंट किए गए) ट्रस्टी रिचर्ड लेविन ने लगाया है। इन कंपनियों- फायरस्टार डायमंड, फैंटसी इंक और ए जैफ पर मोदी का मालिकाना हक था।

1.5 करोड़ डॉलर के मुआवजे की मांग की है

लेविन ने नीरव और उसके सहयोगियों- मिहिर भंसाली और अजय गांधी के देनदारों को हुए नुकसान के लिए उनसे कम से कम 1.5 करोड़ डॉलर के मुआवजे की भी मांग की थी। इस मामले में न्यूयॉर्क की दिवालिया अदालत ने पिछले शुक्रवार को आदेश जारी किया था।

बैंकों से एक अरब डॉलर हड़पने की साजिश

भारतीय मूल के अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने बताया कि नीरव ने पीएनबी और दूसरे बैंकों से लगभग एक अरब डॉलर हड़पने की साजिश रची। उसने अपनी कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए उसमें अपना प्रॉफिट लगाया ताकि उसकी बिक्री ज्यादा दिखे।

बैंक फ्रॉड की रकम निकालने के लिए नया फ्रॉड

यह सब करने के बाद नीरव ने अपनी कंपनियों के जरिए किए गए बैंक फ्रॉड की रकम निकालने के लिए एक नया फ्रॉड किया। उसने निजी फायदे के लिए कंपनियों से पैसे निकाले लेकिन लेन-देन को ऐसे दिखाया मानों वे नॉर्मल बिजनेस ट्रांजैक्शन हों।

छह साल चला फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन

मोदी की तीन पुरानी कंपनियों के ट्रस्टी लेविन ने देनदारों को उसके और उसके दो सहयोगियों की वजह से हुए नुकसान की भरपाई की मांग की थी। लेविन के मुताबिक, देनदारों को उन तीनों के छह साल तक चले इंटरनेशनल फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन की साजिशों से बड़ा नुकसान हुआ है।

लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए बैंक फ्रॉड

2011 से 2018 की शुरुआत तक मोदी और उसके सहयोगियों ने पीएनबी सहित कई बैंकों को झांसा देकर उनसे बिना जमानत लोन, क्रेडिट, फंड लेने की साजिश की। बैंकों के साथ फ्रॉड इंपोर्ट में आसानी के लिए जारी किए जाने वाले लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिए किए गए थे।

इंपोर्ट वॉल्यूम को नीरव ने जोड़तोड़ करके बढ़ाया

इंडिया में चल रहीं अपनी कंपनियों के इंपोर्ट वॉल्यूम को नीरव ने अपने दोनों सहयोगियों के साथ जोड़तोड़ करके बढ़ाया। वह ऐसा करके LoU के जरिए ज्यादा फंडिंग लेना चाहता था। तीनों ने फर्जी इंपोर्ट ट्रांजैक्शन दिखाने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हांगकांग और दुबई की कई शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया।

बैंकों को एक अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान

जज ने कहा कि नीरव के फर्जीवाड़े के शिकार पीएनबी और दूसरे बैंकों को एक अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ। अपनी दलील में लेविन ने उदाहरण देकर बताया कि फर्जी LoU से मोदी, भंसाली और गांधी को फायदा हुआ और वे 2013 तक सर्कुलर ट्रांजैक्शन में जुटे हुए थे।

खबरें और भी हैं…

Related Articles

Back to top button