डेंगू के नये वेरीएंट का कहर, SMS अस्पताल में अब तक 50 पीड़ितों की मौत

जयपुर. राजस्थान के डेंगू का नया वेरीएंट (New variant of dengue) आंतक मचा रहा है. इस साल राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में अब तक 605 लोग डेंगू पॉजिटिव पाये जा चुके हैं. वहीं डेंगू पीड़ित 50 लोगों की मौत (Death) हो चुकी है. इनमें डेंगू से 13 लोगों की मौत तो इसी नवंबर माह में हुई है. बरसों बाद नवंबर माह में भी मौसमी बीमारियों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हालात यह हैं कि डेंगू समेत मौसमी बीमारियों के मरीजों में गंभीर मामलों की संख्या ज्यादा है. हालांकि चिकित्सक इसके पीछे अलग अलग कारणों के साथ मरीजों की लापरवाही को भी बड़ा कारण मान रहे हैं.

मानसून के विदा होने के साथ ही मौसमी बीमारियों का दौर शुरू होना आम है. लेकिन कुछ समय बाद ही मौसमी बीमारियों के मामलों में गिरावट भी होने लगती है. लेकिन इस बार मौसमी बीमारियों लगातार जारी है. इनमें भी डेंगू का आतंक सबसे ज्यादा है. इस साल एक अरसे बाद नवंबर माह का एक सप्ताह गुजरने के बावजूद मौसमी बीमारियों कंट्रोल में नहीं आ रही है. राजधानी जयपुर समेत प्रदेश के लगभग हर हिस्से में मौसमी बीमारियों के मामले सामने आ रहे हैं.

नवंबर माह में ही डेंगू से 13 लोगों की मौत
प्रदेश के सबसे बड़े जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल में नवंबर माह में ही डेंगू से 13 लोगों की मौत हो चुकी है. चिकित्सकों का मानना है कि एक तो इस साल मानसून देरी से विदा हुआ. दूसरा डेंगू के नए वेरीएंट का असर ज्यादा है. तीसरा मरीजों की लापरवाही है. एसएमएस अस्पताल पहुंच रहे मरीजों से बात कर चिकित्सकों ने बताया कि एक ही घर में डेंगू से प्रभावित होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है.

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में डेंगू के हालात
– इस साल अब तक 605 पॉजिटिव सामने आये. 50 की मौत
– नवंबर के तीन दिनों में हो चुकी 13 लोगों की डेंगू से मौत
– 2020 में 7 लोगों की हुई थी मौत. उस समय 207 पॉजिटिव मामले आए थे.
– 2018 में डेंगू के 869 मामले चिन्हित किये गये थे. 4 लोगों ने गंवाई थी जान.
– 2017 में 302 पॉजिटिव केस आये थे.1 मरीज की डेंगू से हुई थी मौत.
– 2016 में 178 डेंगू पॉजिटिव केस आये. इनमें से एक मरीज की डेंगू से हुई थी मौत.
– 2015 में 412 पॉजिटिव केस सामने आये थे. इनमें चार मरीजों ने डेंगू से जान गंवाई थी

चिकित्सकों ने बताये बचाव के ये उपाय
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.सुधीर मेहता के अनुसार एक मरीज को डेंगू होने के बाद इलाज तो लिया जा रहा है. लेकिन डेंगू मच्छर घर में ना पनपे और घर के अन्य सदस्यों को ना प्रभावित करे इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अगर किसी भी घर में एक भी डेंगू मरीज का मामला सामने आए तो तुरंत पूरे घर में साफ सफाई करनी चाहिए ताकि कोई और सदस्य इसका शिकार ना हो पाए.

प्लेटलेट्स भी रिकवरी भी स्लो है
चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू से इस बार युवा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. वहीं प्राइमरी डेंगू भी इस बार ज्यादा खतरनाक हो चुका है. देरी से और सही इलाज नहीं लेने के कारण लिविर फेल्योर के केसेज सबसे ज्यादा आए हैं. चिकित्सकों का कहना है कि इस बार डेंगू के कारण प्लेटलेट्स भी रिकवरी भी स्लो है.

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