दिल्ली में नई मुसीबत, अब अपोलो में मिले CMV वायरस के 6 मरीज

नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बाद की परेशानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. दिल्ली के दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के बाद अब अपोलो अस्पताल में साइटोमेगालो वायरस (सीएमवी) के 6 मरीज सामने आए हैं. अब तक कुल 11 मामले सामने आए हैं. डॉक्टरों के अनुसार कोरोना के इलाज के 20 से 30 दिनों के बाद मरीजों के पेट में दर्द और मल में खून बहने की परेशानी सामने आई. जानकारी के मुताबिक, कोविड संक्रमण और इसके उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं (स्टेरॉयड) रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता को दबा देती हैं और उन्हें असामान्य संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बनाती हैं. ऐसा ही एक संक्रमण साइटोमेगालो वायरस है. सीएमवी आमतौर पर उन मरीजों में देखा जाता है जिनकी इम्युनिटी कमजोर है.
दिल्ली के दो अस्पतालों में मरीज

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 5 , तो अपोलो अस्पताल में 6 मरीज देखे गये. दिल्ली के गंगा राम अस्पताल ये मरीज 45 दिनों में मिले तो अपोलो में डॉक्टरों के अनुसार कोरोना वायरस की जांच में संक्रमित पाए जाने के 20 से 30 दिन के भीतर साइटोमेगलोवायरस (सीएमवी) संक्रमण का पता चला है. इन मरीजों को पिछले महीने कोविड के कारण गंभीर निमोनिया हुआ था. उन्हें स्टेरॉयड की बहुत ज्यादा खुराकें दी गईं थीं. लेकिन सीएमवी बीमारी का पता चलने के दौरान वे कोविड निगेटिव थे.

मरीजों में मिले कुछ ऐसे सिम्टम

अपोलो के डॉ. अतहर अंसारी ने बताया कि पिछले महीने छह मरीजों में सीएमवी बीमारी का पता लगाया था जो विभिन्न स्वरूपों के साथ सामने आया. अगर यह सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है तो मरीज को बुखार होगा, सांस लेने में दिक्कत होगी, सीने में दर्द या खांसी होगी.

उन्होंने बताया कि मरीजों में फेफड़े और लिवर में सूजन- हाइपोक्सिया जैसे लक्षण थे. इनमें से एक मरीज में मेलोइड ल्यूकेमिया भी देखा गया. वहीं एक अन्य डॉ. अवधेश बंसल ने बताया कि कोविड-19 के कारण प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना और स्टेरॉयड थैरेपी की उच्च खुराक देने सीएमवी के मुख्य कारण हैं.

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