एक ही छत के नीचे सारी सुविधा:फाइनेंशियल सेक्टर की शिकायत है तो यहां कीजिए,

रिजर्व बैंक का लोकपाल देगा सॉल्यूशन

मान लीजिए किसी NBFC यानी गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी ने आपके साथ गड़बड़ की है या किसी पेमेंट सेवा देने वाली कंपनी या आपके बैंक अकाउंट से जुड़ी कोई दिक्कत है। इन तीनों के साथ अगर आपको कोई दिक्कत है तो आपको तीनों से जुड़े अलग-अलग रेगुलेटर के पास जाना होता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सभी फाइनेंशियल सेक्टर की शिकायतें एक ही लोकपाल (ओंबुड्समैन) सुन सकेगा।

सभी शिकायतें एक जगह सुनी जाएंगी

दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस तरह की व्यवस्था की है कि आपकी सभी शिकायतें एक ही जगह पर सुनी जाए। आप एक ही लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। डॉक्यूमेंट्स को जमा कर सकते हैं। अपने स्टेट्स को ट्रैक कर सकते हैं और फीडबैक भी ले सकते हैँ। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RBI की इंटीग्रेटेड ओंबुड्समैन स्कीम को लॉन्च किया।

शिकायतों के सुधार में तेजी लाने का उद्देश्य

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की इस इंटीग्रेटेड ओंबुड्समैन स्कीम का उद्देश्य शिकायतों के निराकरण में सुधार लाना है। इसके जरिए ग्राहकों की शिकायतों को जल्दी से सुलझाना है। इसके तहत आप बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और पेमेंट सेवाओं के संबंध में शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। रिजर्व बैंक ने इसके लिए सेंट्रलाइज्ड रिसिप्ट एंड प्रोसेसिंग सेंटर (CRPC) की स्थापना की है। यह वन नेशन वन ज्यूरिस्डिक्शन के नजरिए से काम करेगा। यानी सभी शिकायतें सेंट्रलाइज्ड प्रोसेस होंगी।

लोकपाल एक ऐसी संस्था है, जहां आप फाइनेंशियल संस्थाओं की शिकायतों से संतुष्ट नहीं हैं तो वहां आप शिकायत कर सकते हैं। यह शिकायत 30 दिनों के अंदर करनी होती है।

कैसे यह लोकपाल काम करेगा

यह थीम वन नेशन वन ओंबुड्समैन पर आधारित है। इसके लिए एक ही पोर्टल होगा। एक ही ईमेल ID होगी। एक ही पता होगा। जहां ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा। ग्राहकों को शिकायत देने के लिए एक रेफरेंस पॉइंट भी होगा। यहीं पर ग्राहक को संबंधित कागजात जमा करना होगा। यहीं से वह शिकायतों को ट्रैक कर सकेगा और फीडबैक ले सकेगा। टोल फ्री नंबर कई भाषाओं में होगा, ताकि ग्राहक अपनी भाषा में शिकायत दर्ज करा सके और समझ सके।

अभी तक शिकायतें कैसे निपटाई जाती हैं

अभी तक बैंकिंग ओंबुड्समैन काम करता है। बैंकिंग ओंबुड्समैन को 1995 में लॉन्च किया गया था। तब से इसमें पांच बार सुधार किया गया। 2018 में एनबीएफसी के लिए अलग ओंबुड्समैन लॉन्च किया गया। डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए 2019 में ओंबुड्समैन स्कीम लॉन्च की गई। अभी की जो इंटीग्रेटेड स्कीम है, वह रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित ओंबुड्समैन कमेटी की सिफारिश पर तैयार की गई है।

ऐसा होगा नया सिस्टम

एक इंटर्नल वर्किंग ग्रुप होगाइस ग्रुप में 10 सदस्य होंगेइनमें 8 ओंबु्ड्समैन होंगेएक ऑफिसर लीगल डिपार्टमेंट सेएक ऑफिसर कंज्यूमर एजुकेशन सेशिकायतों का 30 दिन में समाधान

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