नीरज चोपड़ा ने बताया 90.23 मीटर भाला फेंकने का राज, कहा – “इस सीक्रेट से अभी और दूर फेंकूँगा”

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने आखिरकार वो कारनामा कर दिखाया जिसका इंतजार पूरा देश और खेल जगत पिछले 9 साल से कर रहा था। दोहा डायमंड लीग में शुक्रवार रात उन्होंने 90.23 मीटर भाला फेंककर न सिर्फ अपनी सबसे बड़ी व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल की, बल्कि एशिया के चुनिंदा एथलीटों में अपना नाम दर्ज करा दिया। नीरज ने कहा कि ये सिर्फ शुरुआत है, आने वाले टूर्नामेंट्स में फैंस को इससे भी बेहतर थ्रो देखने को मिलेगा।

90 मीटर की दूरी क्यों है खास?

जेवलिन थ्रो की दुनिया में 90 मीटर का आंकड़ा एक बेंचमार्क माना जाता है। अब तक विश्व स्तर पर केवल 25 खिलाड़ी ही इस दूरी को पार कर पाए हैं। एशिया में नीरज से पहले सिर्फ दो ही एथलीट—पाकिस्तान के अरशद नदीम और चीनी ताइपे के चाओ-त्सुन चेंग—इस उपलब्धि को हासिल कर पाए थे। अब नीरज भी इस एलीट क्लब में शामिल हो गए हैं।

वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जान जेलेजनी से ली ट्रेनिंग

नीरज चोपड़ा ने नवंबर 2024 में एक अहम फैसला लिया—उन्होंने जेवलिन थ्रो के वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जान जेलेजनी को अपना कोच नियुक्त किया। जेलेजनी 98.48 मीटर का विश्व रिकॉर्ड रखते हैं और तीन ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। नीरज और जेलेजनी ने फरवरी 2025 से साथ में ट्रेनिंग शुरू की, जिससे नीरज की तकनीक में महत्वपूर्ण बदलाव आए।

कोच ने पेरिस ओलिंपिक की कमियां बताईं

नीरज के मुताबिक, पेरिस ओलिंपिक के दौरान उनके थ्रो में दो बड़ी तकनीकी खामियां थीं—वे भाला फेंकते वक्त बहुत नीचे जा रहे थे और बाईं ओर झुक रहे थे। इससे थ्रो पर पूरा बल नहीं लग रहा था। जेलेजनी ने इन दोनों गलतियों को सुधारते हुए उनकी थ्रोइंग पोजिशन और एंगल को दुरुस्त किया, जिसका नतीजा दोहा में देखने को मिला।

कमर की चोट से थे परेशान

नीरज लंबे समय से कमर की चोट से जूझ रहे थे, जिसने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया। जेलेजनी ने उन्हें प्राग स्थित अपने डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी। डॉक्टर ने नीरज को कुछ एक्सरसाइज और थेरेपी दीं, जिससे उन्हें काफी राहत मिली। नीरज ने खुद कहा कि इस ट्रीटमेंट के बाद वे 100% ट्रेनिंग दे पाने में सक्षम हो पाए।

जल्दबाज़ी में की शादी, रिसेप्शन भी टाला

नीरज चोपड़ा ने ट्रेनिंग पर ध्यान देने के लिए अपनी शादी भी जल्दबाज़ी में की और रिसेप्शन को टाल दिया। उन्होंने कहा, “मैं कॉम्पिटिशन सीजन शुरू होने से पहले ट्रेनिंग करना चाहता था। अगर सभी को बुलाते तो समय लग जाता। इसलिए हमने ये फैसला लिया।” इस फैसले ने भी दिखाया कि नीरज का लक्ष्य सिर्फ मेडल नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस की नई ऊंचाइयों को छूना है।

नीरज ने कहा: मेरा बेस्ट प्रदर्शन अभी बाकी

90.23 मीटर के थ्रो के बाद नीरज ने दोहा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं इस थ्रो से खुश हूं, लेकिन मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी आना बाकी है। कोच जेलेजनी पहले ही कह चुके थे कि मैं आज 90 पार कर सकता हूं। मौसम और हवा दोनों ने मदद की, लेकिन अब मुझे लगता है कि आने वाली प्रतियोगिताओं में और बेहतर करूंगा।”

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