राष्ट्रीय अस्थि एवं जोड़ दिवस 2023

यह दिन हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के महत्व की समझ बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न मस्कुलोस्केलेटल रोगों और विकारों से बचने का प्रयास करता है।

भारत हर साल 4 अगस्त को राष्ट्रीय अस्थि एवं जोड़ दिवस मनाता है। इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (IOA) ने सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए स्वस्थ हड्डियों और जोड़ों के महत्व पर जोर देने के लिए 2021 में इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत की। इस दिन का उद्देश्य हड्डी और जोड़ों के स्वास्थ्य के महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और विभिन्न मस्कुलोस्केलेटल बीमारियों और स्थितियों से बचना है।

यह दिन लोगों को हड्डी और जोड़ों की स्थितियों के लक्षणों और संकेतकों के बारे में सिखाकर शीघ्र निदान और त्वरित हस्तक्षेप को बढ़ावा देता है। शीघ्र निदान से उच्च उपचार परिणाम और जीवन की उच्च गुणवत्ता प्राप्त हो सकती है। इस दिन अपनी हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हमने विशेषज्ञों की सलाह ली। हालाँकि, आइए पहले बुनियादी बातों को स्पष्ट कर लें।

आपकी हड्डियों और जोड़ों को मजबूत रखने के लिए कुछ सरल उपाय

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक वजन जोड़ों पर दबाव डालता है, इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखने से जोड़ों की समस्याओं का खतरा कम हो सकता है।
  • *धूम्रपान से बचें और शराब का सेवन सीमित करें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और जोड़ों की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
  • *हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पीने से जोड़ों की चिकनाई और समग्र शारीरिक कार्यों में सहायता मिलती है।
  • उचित मुद्रा: जोड़ों पर तनाव कम करने और रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए अच्छी मुद्रा बनाए रखें।
  • *लंबे समय तक निष्क्रियता से बचें: नियमित गति से जोड़ों को लचीला बनाए रखने में मदद मिलती है और आसपास की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
  • *उचित शारीरिक यांत्रिकी का उपयोग करें: भारी वस्तुओं को उठाते समय या शारीरिक कार्य करते समय, अपनी हड्डियों और जोड़ों को चोट से बचाने के लिए उचित शारीरिक यांत्रिकी का उपयोग करें।
  • *अत्यधिक प्रभाव से बचें: उन गतिविधियों को कम करें जो आपके जोड़ों पर अत्यधिक प्रभाव या तनाव डालती हैं।
  • *किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें: स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ नियमित जांच और परामर्श से किसी भी हड्डी या जोड़ संबंधी समस्या को जल्द पहचानने और उसका समाधान करने में मदद मिल सकती है।

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