छात्रा का मर्डर: ट्रॉमा सेंटर में गार्ड और मेडिकल स्टाफ के सामने रेता गला, अस्पताल में मचा हड़कंप

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि समाज में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। 27 जून को दिनदहाड़े जिला अस्पताल में 12वीं की छात्रा संध्या चौधरी की हत्या कर दी गई। आरोपी ने यह वारदात अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में गार्ड और मेडिकल स्टाफ के सामने महज 10 मिनट में अंजाम दी और फरार हो गया। इस पूरी घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामला और संवेदनशील हो गया है।
अस्पताल में घुसकर रेता छात्रा का गला
वारदात नरसिंहपुर जिले के 200 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में हुई। यहां ट्रॉमा सेंटर के बाहर कुर्सी पर बैठी संध्या चौधरी पर आरोपी अभिषेक कोष्टी ने चाकू से हमला कर दिया। चश्मदीद नर्सिंग ऑफिसर नलिन के अनुसार, आरोपी ने पहले छात्रा से बहस की, फिर उसे पीटा और आखिरकार चाकू से गर्दन रेत दी। जब नलिन ने बीच-बचाव की कोशिश की, तो आरोपी ने धमकाया – “बीच में मत बोलो, वरना तुझे भी मार दूंगा।” हमला करने के बाद आरोपी ने खुद को भी घायल किया और मौके से फरार हो गया।
दोस्ती से शुरू हुआ रिश्ता
पुलिस जांच में सामने आया कि संध्या और अभिषेक की पहचान करीब ढाई साल पहले सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी। दोस्ती धीरे-धीरे प्रेम संबंध में बदली और दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी थे। हालांकि, आरोपी के अनुसार, बीते डेढ़ महीने से संध्या ने उससे दूरी बनाना शुरू कर दी थी। कॉल्स का जवाब नहीं देना, नंबर ब्लॉक कर देना और किसी और से बात करना – इन बातों से अभिषेक को शक हुआ कि वह उसे धोखा दे रही है। इसी गुस्से में उसने जान लेने की ठान ली।
मर्डर के बाद अस्पताल में मची अफरा-तफरी
ट्रॉमा सेंटर में उस समय 11 मरीज भर्ती थे। वारदात के बाद 8 मरीजों ने उसी दिन अस्पताल छोड़ दिया, बाकी अगले दिन चले गए। इसके बाद जो नए मरीज भर्ती हुए, उनमें से अधिकतर ने भी जल्दी छुट्टी ले ली। एक मरीज ने बताया कि घटना के समय हम सो रहे थे, लेकिन चीख-पुकार सुनकर गेट बंद कर लिया। अब डर के माहौल में इलाज करवाना संभव नहीं है।
7.5 घंटे तक फर्श पर पड़ा रहा शव
घटना के बाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई, लेकिन शव करीब साढ़े सात घंटे तक घटनास्थल पर ही पड़ा रहा। गुस्साए परिजनों ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। मामला रात करीब 10:30 बजे शांत हुआ, जब अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया। रात 2 बजे फिर से हंगामा हुआ, जिसे कड़ी कार्रवाई के वादे पर शांत किया गया।
चश्मदीद मेडिकल स्टाफ ने अवकाश ले लिया
अस्पताल के डॉक्टर नलिन, जो वारदात के चश्मदीद थे, उन्होंने अगले दिन छुट्टी ले ली। अन्य स्टाफ और मरीज भी डरे हुए हैं। एक मरीज ने कहा – “पहली बार आंखों के सामने मर्डर देखा, अब इलाज गांव में ही कराएंगे।” इस घटना के बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल उठे हैं।
पिता बोले – मेरी बेटी सीधी-सादी थी
संध्या के पिता हीरालाल चौधरी ने कहा कि उन्हें इस रिश्ते की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया – “मेरी बेटी बहुत सीधी थी। मुझे नहीं लगता कि वह ऐसे लड़के से कोई रिश्ता रखती होगी।” संध्या अस्पताल में कहकर गई थी कि वह अपनी सहेली की भाभी को देखने जा रही है।
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस गंभीर वारदात के समय अस्पताल में 14 गार्डों की शिफ्ट थी। ट्रॉमा सेंटर के बाहर दो गार्ड मौजूद थे, बावजूद इसके आरोपी आराम से वारदात कर फरार हो गया। सिविल सर्जन डॉ. गुरुचरण चौरसिया ने कहा कि इस घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसी को पत्र लिखा जाएगा।
परिजन की मांग
परिजन और आम जनता की यही मांग है कि आरोपी को फांसी दी जाए ताकि आगे कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके। संध्या के चाचा ने कहा , “यह मामला सिर्फ हमारी बच्ची का नहीं है, बल्कि हर बेटी की सुरक्षा का सवाल है।”