महिला मंत्री पर 1000 करोड़ की घूसखोरी का आरोप! जल जीवन मिशन घोटाले में PMO ने 7 दिन में मांगी रिपोर्ट

मध्य प्रदेश की आदिवासी नेता और महिला मंत्री संपतिया उइके पर जल जीवन मिशन से जुड़े ₹1,000 करोड़ के कथित कमीशन-घोटाले का आरोप लगा है। यह मामला तब चर्चा में आया जब एक पूर्व विधायक ने भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी। अब PMO ने 7 दिन में जांच रिपोर्ट तलब की है।
आरोपों का विवरण
पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा 12 अप्रैल को पीएमओ को भेजे गए पत्र में बताया गया कि मंत्री उइके ने मिशन से भारी कमीशन वसूला। साथ ही प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे पर करोड़ों रुपये की घूसखोरी के आरोप भी लगाए गए तकरीबन ₹1,000 करोड़ की कथित रकम का उल्लेख किया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बैतूल में सिर्फ ₹150 करोड़ का भुगतान बिना किसी कार्य के किया गया और छिंदवाड़ा, बालाघाट जिलों में भी अनियमितताएं हुईं ।
राज्य सरकार ने शुरु की आंतरिक जांच
इस गंभीर आरोप के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने खुद जांच बिठा दी है। जल शक्ति विभाग के चीफ इंजीनियर संजय अंधावन ने निर्देश दिए हैं कि विभागीय अधिकारी 7 दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। CM मोहन यादव की मौजूदगी में यह आदेश जारी किए गए हैं।
संपतिया उइके का जवाब
मंत्री उइके ने मीडिया से बात करते हुए कहा: “मैं निर्दोष हूं… मैंने जनता की सेवा की है। मुझे बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है… मुझे किसी भी जांच से कोई परेशानी नहीं…”
उन्होंने कहा कि वह जल्द कैबिनेट में मुद्दा उठाएंगी और सवालों का “व्यापक जवाब” देंगी। उन्होंने भ्रष्टाचार से मुक्त सरकार का दावा करते हुए कहा कि यदि कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई होगी।
आरोपों का पैमाना और गंभीरता
समरीते ने पत्र में दावा किया है कि लगभग 7,000 फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाणपत्र केंद्र को भेजे गए, जिनमें से कई में कोई वास्तविक काम नहीं हुआ । इसके अलावा बी.के. सोनगरिया के अकाउंटेंट पर बिना काम के ₹150 करोड़ निकालने का भी आरोप है।
राजनीतिक हलचल और भविष्य
विपक्ष ने इस मामले को कांग्रेस सरकार की “इमेज को हानि” पहुंचाने और जनता के पैसों के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण बताया है। PMO की रिपोर्ट मांगने से मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया है। अब यह देखा जाना बाकी है कि जांच निष्पक्ष होगी या नहीं।