संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए: अयोध्या

लखनऊ:राम जन्मभूमि अयोध्या में बनाए गए अंतरराष्ट्रीय श्रीराम कथा संग्रहालय व आर्ट गैलरी में मंदिर से जुड़े दस्तावेजों से लेकर खोदाई में मिली विभिन्न प्रकार की करीब 350 वस्तुओं को संरक्षित किया जाएगा।

संग्रहालय को इस प्रकार से व्यवस्थित किया जा रहा है जिससे वहां आने वाले लोगों को पुरातन संस्कृति के गौरव के बारे में जानकारी मिल सके।दुनिया मंदिर का निर्माण पूरा होने का इंतजार कर रही है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। अब राम राज्य की परिकल्पना सच साबित होगी।श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि श्रीराम मंदिर परिसर का निर्माण 71 एकड़ में किया जा रहा है। यहां बने संग्रहालय का संचालन न्यास द्वारा किए जाने को लेकर राज्य सरकार से अपील की गई, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया।मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम व संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर तथा श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य अनूप मित्तल सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

संग्रहालय में 800 के करीब मूर्तियां, भग्नावशेष आदि के रूप में 800 पुरा सामग्री एवं 200 दुर्लभ पांडुलिपियां संकलित हैं। यद्यपि लंबे समय संग्रहालय किराए के भवन में अथवा अयोध्या शोध संस्थान के एक हिस्से में संचालित होता रहा। 11 वर्ष पूर्व सरयू तट पर अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय को 12 करोड़ की लागत से अपना भव्य भवन मिला।कार्यक्रम का आयोजन के अवसर पर मुख्य अतिथि पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि ‘देश, दुनिया में भगवान राम से जुड़ी काफी चीजें एक ही स्थान पर, संग्रह करने का प्रयास है। उनकी अमूल्य धरोहर, संरक्षित करेंगे। देश पीएम, सीएम का, चंपत राय का आभारी है।पूरा विश्व राम मंदिर के उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। अगले साल जनवरी में पीएम के हाथों लोकार्पित होगा।

यह पल संस्कृति को गौरव और भारत को गौरव दिलाने वाला होगा।देश और प्रदेश को पर्यटन, संस्कृति के क्षेत्र में काफी बढ़ावा मिलेगा।पर्यटन से राजस्व और रोजगार भी बढ़ेगा।

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