जश्न का माहौल बना मातम! मोहर्रम के बाद हिंसा में युवक की बेरहमी से हत्या – देखिए पूरी वारदात

मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के कोठिया हरेराम पंचायत के कंकट्टी बाजार में रविवार शाम मोहर्रम जुलूस के बाद हिंसा भड़क उठी। इस हिंसक झड़प में 32 वर्षीय अजय यादव की पीट-पीटकर हत्या हो गई, जबकि दो अन्य युवक घायल हुए। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के बाद 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है, और घायलों को एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर भेजा गया है।

जातीय मतभेद या पुरानी दुश्मनी?

मृतक अजय यादव के छोटे भाई ने बताया कि अजय को चार-पांच युवकों ने घेर लिया और भीड़ ने इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना पुरानी रंजिश का परिणाम जान पड़ रही है, क्योंकि झड़प जुलूस के तुरंत बाद हुई और इसमें तलवार तक उपयोग होने की खबर सामने आई है। पुलिस फिलहाल हत्या की स्पष्ट वजह तलाश रही है, लेकिन प्रारंभिक जांच से यही संकेत मिल रहे हैं।

घायलों की हालत और मेडिकल रिपोर्ट

इस घटना में दो अन्य व्यक्ति—नवल किशोर राय और एक अन्य—गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार के बाद एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार उनकी स्थिति अब स्थिर है, लेकिन उन्हें अभी भी मेडिकल निगरानी में रखा गया है।

आरोपियों की गिरफ़्तारी और जांच

मोहम्मदपुर के एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्काल गिरफ्तारी शुरू की और अब तक 12 संदिग्ध हिरासत में हैं। उनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास और विसंगतिबद्धता जैसे आरोपों की तलाशी सुरू कर दी गई है। पुलिस थाना कोठिया में FIR दर्ज कर ली गई है और तेज़ी से मामले की जांच जारी रखी गई है।

स्थानीय प्रशासन का अलर्ट और सुरक्षा कवच

हिंसा की इस घटना के बाद क्षेत्र में घरेलू माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने घटनास्थल की चारों तरफ बल प्रबल रखा है और जगह-जगह चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही, मौलिक रूप से राजनीतिक व सामाजिक नेताओं को इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है और उन्होंने शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने का आह्वान किया है।

धार्मिक पर्व पर कब तक चला संग्राम?

मोहर्रम जैसे शांतिपूर्ण धार्मिक पर्व पर हुई यह घातक हिंसा किसी भी समाज में भेदभाव और पुरानी दुश्मनी की विस्फोटक परिणति है। प्रशासन और जनता दोनों पर जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह के घृणा और हिंसा के बीजों को न केवल पकड़ा जाए, बल्कि समाप्त किया जाए। मोरहारी की यह घटना हमें याद दिलाती है कि मेलजोल और सहिष्णुता ही हमारे संकल्प और समरस्ता का आधार हैं।

 

 

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