क्रूरता: 1 फोन कॉल.. और नहर में सर कटी लाश, 17 वर्षीय आस्था.. CRPF में पिता.. माँ ने गला दबाया, भाई ने काटा

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक ऐसी क्रूर और हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों पर से विश्वास हिला दिया है। एक 17 साल की छात्रा आस्था उर्फ तनिष्का को उसकी मां ने फोन पर बात करते हुए पकड़ लिया। गुस्से में मां ने बेटी का गला दबा दिया। लेकिन यहीं मामला नहीं रुका—उसके बाद रिश्तेदारों ने सिर काटा और धड़ को नहर में फेंक दिया।

एक मोबाइल कॉल बना मौत की वजह

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार दोपहर करीब एक बजे, आस्था अपने दोस्त से फोन पर बात कर रही थी। तभी उसकी मां राकेश देवी ने उसे पकड़ लिया और मोबाइल छीन लिया। बात इतनी बढ़ी कि मां-बेटी में हाथापाई शुरू हो गई और गुस्से में आकर मां ने अपनी ही बेटी का गला घोंट दिया।

परिवार नहीं बना सहारा, बना कसाई

हत्या के बाद मां ने अपने भाइयों को फोन किया। कुछ ही समय बाद, मामा और ममेरे भाई महरौली गांव से दादरी पहुंचे। इसके बाद सबने मिलकर शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। ममेरे भाई मंजीत उर्फ मोनू ने धारदार हथियार से छात्रा का सिर काटा और फिर धड़ को बहादरपुर रजबहे में फेंक दिया।

जेब से मिला कागज बना सुराग

पुलिस को छात्रा की लाश के साथ उसकी सलवार की जेब में एक कागज मिला, जिस पर एक मोबाइल नंबर लिखा था। यह उसके दोस्त का नंबर था। पुलिस ने जब दोस्त से संपर्क किया तो उसने शव की पहचान आस्था के रूप में की।

अगर ये नंबर न मिला होता, तो छात्रा की पहचान करना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल हो जाता।

कैसे खुली हत्या की परतें

पहचान के बाद पुलिस ने सीधे दादरी गांव पहुंचकर मां और उसके दोनों नाबालिग बेटों को हिरासत में लिया। फिर पुलिस राकेश देवी को लेकर उसके मायके महरौली गई और वहां से दो मामा और ममेरे भाई को उठाया गया।

कटे सिर की तलाश में जुटी पुलिस

आस्था का सिर अभी तक नहीं मिला है। ममेरे भाई मोनू की निशानदेही पर पुलिस देर रात तक जानी गंगनहर और अन्य स्थानों पर सिर की तलाश में लगी रही। एसएसपी विपिन ताडा ने खुद मामले की जानकारी दी और कहा कि सिर मिलने के बाद और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

CDR से निकले कई रहस्य

पुलिस ने छात्रा के पिता रमेश, जो कि सीआरपीएफ में जवान हैं और छत्तीसगढ़ में तैनात हैं, उनके मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) भी निकलवाई है। साथ ही आरोपियों के मोबाइल नंबरों की CDR से कई और कड़ियाँ जुड़ रही हैं।

एक स्विफ्ट कार और CCTV फुटेज बना सबूत

पुलिस को एक स्विफ्ट कार भी मिली है, जिसका इस्तेमाल शव को ठिकाने लगाने में हुआ। सीसीटीवी फुटेज में भी कार की गतिविधियां रिकॉर्ड हुई हैं, जिससे पुलिस को पुख्ता सबूत मिले हैं।

मां ने रची थी गुमशुदगी की कहानी

हत्या के बाद राकेश देवी ने गांव में गुमशुदगी का नाटक किया। खुद को मासूम दिखाने की कोशिश में ग्रामीणों के साथ बेटी की तलाश करती रही। लेकिन पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई। जब पुलिस ने शव की पहचान की और गांव पहुंची, तब असली कहानी खुलकर सामने आई।

स्कूल और गांव में पसरा सन्नाटा

आस्था 11वीं तक सूरजमल स्कूल, सकौती में पढ़ चुकी थी और अब 12वीं की छात्रा थी। उसका अपने दोस्त से मेलजोल था, लेकिन परिजनों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है, कोई बोलने को तैयार नहीं। घर में मां के अलावा 14 और 11 साल के दो छोटे भाई हैं। आस्था तीनों में सबसे बड़ी थी।

क्या था हत्या का असली कारण?

एसएसपी के अनुसार, परिजन आस्था की दोस्ती से नाराज थे। यही गुस्सा इस जघन्य हत्या का कारण बना। मां ने पहले गला दबाया और फिर रिश्तेदारों ने मिलकर सिर काट दिया।

यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों, भरोसे और इंसानियत की हत्या है।

 

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