CCTV में कैद हुआ आत्महत्या का दर्दनाक मंजर! रस्सी की मजबूती चेक की, फिर.. 20 सेकंड तड़पा, देखें..

मेरठ के पल्लवपुरम थाना इलाके में रविवार सुबह एक गैराज मालिक प्रवीण ने अपने ही गैराज में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो इस दर्दनाक घटना का सीधा साक्षी है, जिसने प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना दिया है। मृतक की आर्थिक मुश्किलों को आत्महत्या का मुख्य कारण बताया जा रहा है।

एक भयावह सुबह और बंद दरवाजे

रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह करीब 7:30 बजे प्रवीन गैराज पहुंचे, जिसमें उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। कुछ देर बाद जब परिवार के सदस्य पहुंचे, तो उन्होंने फंदे पर लटका प्रवीन पाया और तुरंत पुलिस व डॉक्टरों को सूचना दी गई। यह घटना करीब 20 सेकंड का लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया गया है।

आत्महत्या के पीछे क्या है असली वजह?’

स्थानीय जानकारी के अनुसार, प्रवीन पिछले कुछ समय से आर्थिक तनाव और व्यवसायिक घाटे से जूझ रहा था। कुछ दिनों से वह मानसिक रूप से टूट गया था और लगातार दबाव महसूस कर रहा था। हालांकि, आत्महत्या के कोई नोट या स्पष्ट कारण सामने नहीं आये हैं।

पुलिस कार्रवाई: जांच का पहला पड़ाव

घटना की सूचना मिलते ही पल्लवपुरम थाना पुलिस मौके पर पहुँची और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और गैराज के कैमरे व मोबाइल वीडियो फुटेज के आधार पर घटना के सच को समझने की कोशिश कर रही है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आत्महत्या की गहराई से जांच की जा रही है और आत्महत्या पुख्ता साबित होने पर आर्थिक तनाव के इरादे को प्राथमिक कारण माना जाएगा।

क्या बढ़ेगी निगरानी?

इस घटना के बाद मेरठ में आत्महत्या की संभावित घटनाओं पर अलग से नजर रखी जा रही है। पिछले कुछ महीनों में प्रॉपर्टी डीलर और अन्य व्यवसायियों ने आत्महत्या की थी—जैसे की 22 वर्षीय मोहम्मद असीम, जिन्होंने जमीन विवाद और पुलिस उत्पीड़न को लेकर आत्महत्या की थी । अब प्रशासन की ओर से ऐसे व्यवसायों में मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने का संकेत भी सामने आया है।

क्या सरकार और समाज देंगी बेहतर समर्थन?

मेरठ में लगातार सामने आ रही आत्महत्या की घटनाएँ—चाहे वो आर्थिक दबाव हो या सामाजिक—यह दिखाती हैं कि मनोवैज्ञानिक और आर्थिक सहायता की कितनी ज़रूरत है।
प्रजीव जैसे लोगों के लिए समय पर काउंसलिंग, आर्थिक सलाह, और समुदायिक समर्थन उपलब्ध कराना समाज की जिम्मेदारी है। प्रवीन की आत्महत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है: क्या हम दबाव में जी रहे लोगों को सही समय पर समर्थन दे रहे हैं?

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