जातीय जनगणना को लेकर भाजपा पर भड़कीं ‘मायावती’, कहा – ‘वोट हमारा, राज तुम्हारा’ अब नहीं..
बसपा सुप्रीमो बोलीं- जातीय जनगणना का श्रेय लेने की होड़, लेकिन असल हितैषी सिर्फ बहुजन समाज पार्टी

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में बहुजन समाज के अधिकारों को लेकर सख्त और दो टूक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और दलित वर्ग को अपने हित और कल्याण के लिए भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों पर भरोसा करना भारी भूल हो सकती है। उन्होंने साफ कहा कि इन वर्गों की सच्ची हितैषी सिर्फ और सिर्फ बसपा है।
जातीय जनगणना पर श्रेय लेने की होड़
मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि काफी लंबे समय तक आनाकानी करने के बाद अब भाजपा और कांग्रेस जातीय जनगणना के समर्थन में खड़ी दिखाई दे रही हैं, लेकिन इसका मकसद केवल इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी साबित करना है।
उन्होंने इसे पूरी तरह से राजनीतिक स्वार्थ बताया और कहा कि यदि इन दलों की नीयत व नीति वास्तव में साफ होती, तो अब तक ओबीसी समाज देश के विकास में बराबर का भागीदार बन गया होता।
भाजपा और कांग्रेस को बताया बहुजन विरोधी
बसपा सुप्रीमो ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को बहुजन-विरोधी करार देते हुए कहा कि इन पार्टियों की नीतियों की वजह से ही आज भी ओबीसी और दलित वर्ग समाज के सबसे पिछड़े, शोषित और वंचित तबके में गिने जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन दलों ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा को ईमानदारी से अपनाया होता, तो बहुजन समाज आज सशक्त स्थिति में होता।
बाबा साहेब और बसपा के संघर्ष का परिणाम..
मायावती ने कहा कि ओबीसी और दलित समाज आज जागरूक हो चुका है और यह जागरूकता बसपा व बाबा साहब के संघर्ष का नतीजा है। भाजपा और कांग्रेस अब जब बहुजन वोटों के लिए ललायित हैं, तब वे खुद को इनका हितैषी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह स्वार्थ और मजबूरी की राजनीति है, जिसमें बहुजनों का सच्चा कल्याण नहीं हो सकता।
‘वोट हमारा, राज तुम्हारा’ अब नहीं चलेगा
मायावती ने बहुजन समाज को संबोधित करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि ‘वोट हमारा, राज तुम्हारा’ की व्यवस्था को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि अब बहुजन समाज को अपने पैरों पर खड़े होने का वक्त है और किसी भी तरह की कोताही या लापरवाही उनके लिए घातक हो सकती है।
बसपा को बताया एकमात्र विकल्प
अपने बयान में उन्होंने दोहराया कि ओबीसी, दलित और अन्य वंचित वर्गों के कल्याण के लिए बसपा ही एकमात्र राजनीतिक विकल्प है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भाजपा और कांग्रेस के झांसे में न आएं, क्योंकि इन दलों ने केवल राजनीतिक लाभ के लिए बहुजन समाज के नाम का इस्तेमाल किया है।
जातीय जनगणना पर राजनीतिक हलचल तेज
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने की घोषणा की है, जिसका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने स्वागत किया है। यह मुद्दा अब आगामी चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। मायावती का यह बयान इसी संदर्भ में राजनीतिक हलचल को और तीव्र कर सकता है।