मथुरा में हुआ खौफनाक एक्सीडेंट: हाईवे पर बिखरे शरीर के अंग, 10 KM तक घसीटा गया युवक

हादसे की शुरुआत: बारिश में रुकना बना मौत की वजह
मथुरा ज़िले में रविवार रात एक दर्दनाक और रूह कंपा देने वाला सड़क हादसा सामने आया है। महुआ (राजस्थान) निवासी 45 वर्षीय रिंकू जैसवाल, जो मथुरा के गांव अजीजपुर स्थित मैग्संस रिसॉर्ट में कार्यरत थे, रविवार रात कोसीकलां से सामान लेकर ई-बाइक से लौट रहे थे। रास्ते में तेज बारिश के कारण वह आगरा-दिल्ली हाईवे पर आगरा कैनाल के पास एक कॉलोनी के बाहर रुक गए। इसी दौरान, किसी अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी।
टक्कर के बाद 10 किलोमीटर तक घसीटा गया शव
टक्कर इतनी भीषण थी कि रिंकू का एक हाथ और ई-बाइक वहीं कोसी क्षेत्र में ही गिर गए। जबकि उनका शरीर वाहन में फंसकर लगभग 10 किलोमीटर दूर छाता तक घसीटा गया। इस दौरान सड़क पर खून और मांस के निशान पड़े रहे, जिससे वहां से गुजरने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छाता क्षेत्र के शेरगढ़ रोड पर क्षत-विक्षत अवस्था में शव को बरामद किया।
फोन कॉल बना आखिरी संपर्क
हादसे से कुछ देर पहले रिंकू ने अपने रिसॉर्ट के मैनेजर सौरभ सचदेवा को कॉल कर यह जानकारी दी थी कि बारिश के कारण वे रास्ते में रुके हैं। जब काफी देर तक रिंकू रिसॉर्ट नहीं पहुंचे तो सौरभ और अन्य कर्मचारी उनकी तलाश में निकले। इसी बीच छाता पुलिस से सूचना मिली कि एक अज्ञात शव बरामद हुआ है, जो किसी वाहन के साथ घसीटा गया प्रतीत हो रहा है।
पहचान और परिवार की स्थिति
शव की हालत इतनी भयावह थी कि पहचान करना मुश्किल हो गया। हालांकि, रिसॉर्ट कर्मियों और परिजनों ने उसे रिंकू के रूप में पहचाना। उनके शव का एक हिस्सा पूरी तरह सड़क पर रगड़कर क्षत-विक्षत हो चुका था। रिंकू अपने पीछे पत्नी, 15 वर्षीय बेटी और 13 वर्षीय बेटे को छोड़ गए हैं। हादसे की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। देर शाम शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस कार्रवाई और जांच
सीओ आशीष शर्मा ने जानकारी दी कि प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार निर्वाल ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अब उस अज्ञात वाहन की तलाश में जुट गई है जिसने यह दर्दनाक हादसा किया। हाईवे पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि वाहन और चालक की पहचान की जा सके।
सड़क सुरक्षा पर उठते सवाल
यह हादसा न सिर्फ एक व्यक्ति की असमय मृत्यु का कारण बना, बल्कि हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल भी खोलता है। 10 किलोमीटर तक शव घसीटने के बावजूद किसी भी वाहन चालक या पुलिस को संदेह नहीं हुआ, जो एक गंभीर प्रशासनिक चूक को दर्शाता है।