UP: शाही ईदगाह मस्जिद मामले में HC से हिन्दू पक्ष को झटका, याचिका ख़ारिज.. जानिए क्या अब विवाद खत्म.. आगे क्या ?

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय सुनाते हुए हिंदू पक्ष की वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें मस्जिद को “विवादित ढांचा” घोषित करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की मांग कानूनी आधार से परे है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
23 मई को सुरक्षित रखा गया था फैसला
हिंदू पक्ष की ओर से वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने 5 मार्च को याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर कोर्ट ने कई सुनवाई के बाद 23 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब 4 जुलाई को सार्वजनिक किया गया। यह याचिका न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच में दायर की गई थी।
हिंदू पक्ष की दलीलें: मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद
हिंदू पक्ष ने याचिका में दावा किया कि जिस स्थान पर आज शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है, वहां पहले भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर था। याचिकाकर्ता ने कहा कि मस्जिद की दीवारों पर आज भी हिंदू देवी-देवताओं के प्रतीक चिह्न नजर आते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि न तो मस्जिद के पास भूमि के स्वामित्व के कागजात हैं, न ही उसका नाम किसी खसरा-खतौनी में दर्ज है। न नगर निगम में रजिस्ट्री है और न ही कोई टैक्स भुगतान किया जा रहा है।
कोर्ट से की थी बाबरी जैसा ‘विवादित ढांचा’ घोषित करने की मांग
हिंदू पक्ष ने दलील दी कि जैसे अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ‘विवादित ढांचा’ घोषित किया गया था, वैसे ही मथुरा में भी मस्जिद को यही दर्जा मिलना चाहिए, क्योंकि जमीन पर अवैध कब्जा करके कोई ढांचा खड़ा करने से वह वैध नहीं हो जाता।
मुस्लिम पक्ष की आपत्ति: 400 साल पुरानी मस्जिद है ईदगाह
मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद पिछले 400 वर्षों से अस्तित्व में है और यह मुस्लिम समुदाय की एक ऐतिहासिक धरोहर है। याचिका में की गई मांग न केवल अनुचित है, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली है। उन्होंने कोर्ट से याचिका को कठोर दंडात्मक टिप्पणी के साथ खारिज करने की अपील की थी।
कोर्ट का निष्कर्ष और फैसला
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मस्जिद को ‘विवादित ढांचा’ घोषित करने की याचिका कानूनी तौर पर स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर अभी कई अन्य याचिकाएं लंबित हैं, जिनकी सुनवाई स्वतंत्र रूप से की जाएगी।
18 अन्य याचिकाएं अब भी विचाराधीन
बता दें कि हिंदू पक्ष द्वारा मथुरा विवाद से संबंधित कुल 18 अन्य याचिकाएं भी हाईकोर्ट में दाखिल की गई हैं। इन पर सुनवाई अभी चल रही है और भविष्य में यह विवाद एक बार फिर चर्चा का विषय बन सकता है।