भारत मालदीव का सच्चा दोस्त और विश्वासपात्र पड़ोसी: अब्दुल्ला शाहिद

माले। मालदीव में 1988 के तख्तापलट प्रयास को भारतीय सेना द्वारा सही समय पर नाकाम करने के लिए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने मंगलवार को कहा कि माले सदैव भारत के प्रति आभारी रहेगा क्योंकि भारत एक सच्चा दोस्त और विश्वासी पड़ोसी है।

शाहिद ने ट्वीट कर कहा कि आज हम @MNDF_Official के बहादुर शहीदों और नागरिकों को याद कर रहे हैं जिन्होंने अपने देश के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी। आज हम अपने वीर सैनिकों का सम्मान करते हैं जिन्होंने अपने देश की आजादी और संप्रभुता की रक्षा के लिए वीरता के साथ लड़ाई की। आज हम #3 नवम्बर के नायकों के प्रति कृतज्ञता दिखाते हैं ।

आज का दिन है सच्चे साझेदारों और सच्चे दोस्तों का आभार जताने का। 03 नवम्बर 1988 को भारत सरकार के द्वारा की गई सही समय पर और अमूल्य सैन्य मदद के लिए मालदीव हमेशा भारत को याद रखेगा। मालदीव हमेशा भारत को एक विश्वासी पड़ोसी और सच्चा दोस्त मानता है।

आज ही के दिन 1988 में मालदीव के लोगों का एक समूह जिसके नेतृत्व करता अब्दुल्ला लूतूफी ने श्रीलंका के एक तमिल पृथकतावादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ तमिल ईलम की मदद से तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम कि सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की थी।

हालांकि उन लोगों को माले के सैनिक बलों के द्वारा शूटआउट में पकड़ लिया गया था और जब राष्ट्रपति के अनुरोध के बाद भारत ने ऑपरेशन कैक्टस शुरू किया और मालदीव में पैराट्रूपर उतारे तो इन लोगों को वापस होना पड़ा।

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