मकर संक्रांति 2023 : नदियों में किया जा रहा है विशेष स्नान, क्या है इसका महत्व

नई दिल्ली। मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई।मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं ने संगम तट पर स्नान किया। साथ ही महाकाल की नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने पावन डुबकी लगाई और पूजा अर्चना की।

मान्यता है कि जब भागीरथ ने तप किया तो परिणाम स्वरूप गंगा नदी मकर सक्रांति के दिन ही अवतरित हुई थी। चूंकि गंगा का वेग अत्यधिक था ऐसे में भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में ले लिया। मान्यता है कि यदि गंगा स्नान के समय भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाए तो भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त हो सकती है। मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी में स्नान करने के दौरान भगवान सूर्य को जल जरूर चढ़ाएं। साथ ही ओम सूर्याय नमः का जाप जरूर करें।

पर्व विशेष के स्नान का अपना अलग ही महत्व है। देवनगरी के रूप में इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाने वाले शिवरीनारायण इन दिनों में राम वन गमन पथ के लिए भी अपनी पहचान बना रहा है। भगवान राम की भव्य प्रतिमा की स्थापना भी वन गमन पथ पर की गई है। छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी के नाम से भी जाना जाता है। इसे गुप्त प्रयाग भी कहा जाता है।

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