महाराष्ट्र में एक सुर में विरोध, डिप्टी सीएम पर अड़ा पेच !

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी सरकार को लगभग 2 हफ्ते हो गए हैं। लेकिन अभी तक सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा नहीं हुआ है। इसका मुख्य कारण उपमुख्यमंत्री पद माना जा रहा है। इसके अलावा कुछ खास मंत्रालयों को लेकर भी तीनों दल एकमत नहीं हो पा रहे हैं। मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर तीनों दलों के बीच कई दौर की बैठकें होने के बावजूद कोई हल नहीं निकला है।

जानकारी के अनुसार, मंत्रालयों के बंटवारे में उपमुख्यमंत्री पद अड़चन बन रहा है। वहीँ कांग्रेस कुछ महत्वपूर्ण मंत्रालय की मांग कर रही है जिसपर बाकी दोनों पार्टियां राज़ी नहीं हो पा रही हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, शिवसेना गृह और शहरी विकास मंत्रालय चाहती है, और राकांपा ने आवास, सिंचाई और वित्त मंत्रालय की मांग की है। वहीं, कांग्रेस शिक्षा, राजस्व, ऊर्जा और पीडब्ल्यूडी जैसे मंत्रालय की मांग कर रही है।

डिप्टी सीएम पद की बात करे, तो अजीत पवार(एनसीपी) इस पद को पाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में अजीत पवार ने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता उन्हें उपमुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। वहीँ सरकार गठन के दिन महाराष्ट्र के कई इलाकों के किसानो ने भी अजित पवार को ही उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी। अजित के उपमुख्यमंत्री न बनने की स्थिति में किसानो ने धरना प्रदर्शन की बात कही थी। बता दें कि इससे पहले 80 घंटों के लिए बनी फडणवीस सरकार में भी अजित पवार उपमुख्यमंत्री रहे थे।

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