मध्य प्रदेश का सांची बनने जा रहा देश की दूसरी सोलर सिटी

विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग योजना पर काम जारी है। सांची शहर सोलर सिटी बनने जा रहा है।

 

भोपाल। मध्य प्रदेश की तमाम उपलब्धियों की बीच वर्ष 2022 इस बात का भी गवाह रहा है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य बहुत ही ईमानदारी से प्रयासरत है। यहां विश्व विख्यात सांची देश की दूसरी सोलर सिटी बनने जा रहा है। इसके तहत सौर ऊर्जा से 7.3 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। सोलर सिटी बनने के बाद सांची की बिजली से जरूरत की पूर्ति सौर ऊर्जा से ही होगी । सोलर सिटी बनने से बिजली आपूर्ति में आत्म-निर्भर होने के साथ ही साँची की अगले पाँच वर्षों की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति सौर ऊर्जा से सुनिश्चित रहेगी ।

सांची है वर्ल्ड हेरिटेज साइट है

दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से महज 48 किमी दूर सांची वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। दुनियाभर से यहां पर्यटक आते हैं। जिसे अब सौर ऊर्जा से संचालित करने से एक नई और अलग पहचान मिलेगी। इसके साथ ही ओडिशा का कोणार्क पहला शहर जिसे पूरी तरह सोलर सिटी बनाया जा रहा है के बाद सांची ही देश का वह दूसरा शहर होगा जोकि पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर रहेगा ।

मोदी सरकार की योजना से सोलर सिटी बन रहा सांची

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य में एक शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। मध्य प्रदेश शासन ने पर्यटन और राजधानी से निकटता को ध्यान में रखते हुए साँची को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। जिसके बाद से अब साँची सोलर सिटी योजना के तहत इस प्रमुख पर्यटन केन्द्र में 12 तकनीकी संस्थानों को ऑफ-ग्रिड सोलर प्लांट से संचालित किए जाने के लिए जोड़ा जा रहा है । आँगनवाड़ी भवनों को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किया जा रहा है । साँची ग्रिड सिस्टम में छह हजार किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम लगाने की तैयारी है।

परियोजना में साँची के प्रत्येक घर, कृषि और उद्योग को सोलर सिस्टम से जोड़ा जा रहा है । इससे बिजली का बिल, प्रदूषण, सरकारी सब्सिडी की आवश्यकता में कमी आने के साथ स्थानीय अर्थ-व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और साँची के पर्यटन महत्व में भी वृद्धि होगी। साँची को ग्राउंड माउंटेड सोलर सिस्टम बनाने के लिए नजदीकी गाँव नागोरी में 20 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। साथ ही, सौर स्ट्रीट लाइट, गार्डन लाइट, स्टड लाइट, हाई-मास्ट लाइट, सौर पेयजल कियोस्क, लोक परिवहन के लिए बेटरी चलित ई-रिक्शा, चार्जिंग स्टेशन, अक्षय ऊर्जा आधारित संयंत्र विंड टर्बाइन और पिजो इलेक्ट्रिक जनरेटर्स स्थापित किए जा रहे हैं । इसी क्रम में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सांची में ग्रीन इनर्जी को बढ़ावा देने के साथ-साथ सोलर रूफटॉप लगाने के लिए आमजन को प्रेरणा देने के कार्यक्रम भी संचालित हैं।

साल के आरंभ में बनी थी योजना

उल्लेखनीय है कि साल के आरंभ में इसे लेकर शिवराज सरकार ने योजना बनाई थी, जोकि अब अपने मूर्त रूप में आती हुई दिख रही है। चार जनवरी 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबंधित प्रोजेक्ट देख रहे समस्त अधिकारियों से कहा था कि विश्व धरोहर स्थल रायसेन जिले के नगर साँची को प्रथम सोलर सिटी के रूप में पहचान दिलवाने के लिए कार्यों की गति बढ़ाई जाए। सूरज से बिजली प्राप्त करने की परियोजनाओं का क्रियान्वयन तेज किया जाए। जहाँ सोलर पार्क और परियोजनाएँ महत्वपूर्ण हैं, वहीं घर-घर में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा का घरेलू उपभोक्ता भी प्रयोग करें। सोलर रूफ-टॉप संयंत्र के उपयोग लिए लोगों को प्रोत्साहित करें। वास्तव में आज पिछले एक साल के दौरान मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के इस आह्वान का असर यह हुआ है कि न सिर्फ सांची में घर-घर सोलर प्लांट दिखाई दिखाई देने लगे हैं बल्कि प्रदेश भर में सौर ऊर्जा को लेकर जाग्रति आई है।

इनका कहना है –

इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि यदि हम सभी ऊर्जा बचत के लिये लोगों को प्रेरित करते हैं, तो प्रदेश में प्रति वर्ष चार हजार करोड़ रुपये की बिजली के अपव्यय को रोक सकते हैं । कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। मुख्यमंत्री शिवराज कहते हैं कि प्रदेश का सौर ऊर्जा उत्पादन 2022 तक पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार मेगावाट किए जाने का हमारा लक्ष्य रहा, जिसमें हमें आशानुरूप सफलता मिली है। प्रदेश के कुल विद्युत उत्पादन में नवकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है, इसे निरंतर बढ़ाया जा रहा है ।

वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ग्रीन ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य

नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य ग्रीन ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत तीव्र गति से काम कर रहा है। प्रदेश में वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत ग्रीन ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। देश-विदेश के निवेशक मध्य प्रदेश की ग्रीन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं। विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग योजना पर काम जारी है। सांची शहर सोलर सिटी बनने जा रहा है।

प्रदेश में अभी साढ़े पांच हजार मेगावाट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा

ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे का इस बारे में कहना रहा कि मध्यप्रदेश जल्दी ही देश का पहला ग्रीन अमोनिया उत्पादक राज्य होगा। प्रदेश में साढ़े पांच हजार मेगावाट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। पिछले 11 साल में सोलर ऊर्जा में 54 और पवन ऊर्जा में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे एक करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, जो 17 करोड़ पेड़ के बराबर है। मध्यप्रदेश में छोटी-बड़ी अनेक परियोजनाएँ आ रही हैं। छतरपुर और मुरैना जिले में सोलर, पवन और बैटरी स्टोरेज जैसे नवाचार किये जायेंगे। इनसे नवकरणीय ऊर्जा के अग्रणी राज्यों में शामिल मध्यप्रदेश जल्दी है शीर्ष स्थान पर पहुँचेगा।

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